कुमार इन्दर, जबलपुर। राजधानी भोपाल में चर्चा और विवाद का विषय बने 90 डिग्री मोड़ वाले ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट), भोपाल के निदेशक को निर्देश दिया है कि इस ओवरब्रिज की तकनीकी जांच वरिष्ठ प्रोफेसरों की एक टीम से कराई जाए। जांच रिपोर्ट 10 सितंबर 2025 तक हाईकोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है।
READ MORE: MP में दो चरणों में होगी जनगणना: सरकार ने शुरू की तैयारी, हाईपावर कमेटी गठित
90 डिग्री के तीखे मोड़ की डिजाइन को लेकर उठे थे सवाल
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के 90 डिग्री के तीखे मोड़ की डिजाइन को लेकर सवाल उठे। इस पुल की संरचना को असुरक्षित बताते हुए सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हुई थी, क्योंकि यह भविष्य में दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। 18 करोड़ रुपये की लागत से आठ साल में बने इस पुल को लेकर जनता ने पैसे की बर्बादी और सुरक्षा चिंताओं को लेकर सवाल उठाए हैं।
READ MORE: जंगली हाथियों की मौत और पकड़े जाने के तरीके पर MP हाईकोर्ट सख्त, सरकार को लगाई फटकार, मांगा 30 साल का रिकॉर्ड
ठेकेदार को कोर्ट से मिली राहत
हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ठेकेदार पुनीत चड्ढा द्वारा दायर याचिका पर भी विचार किया गया, जिसमें उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने फिलहाल ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश पर कठोर कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मैनिट की विशेषज्ञ टीम इस ओवरब्रिज की डिजाइन और संरचना की गहन जांच करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुल सुरक्षित और उपयोग के लिए उपयुक्त है या नहीं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें