वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ और विरोध करने के बाद छात्राओं पर किए गए लाठीचार्ज का मामला फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है.
मंगलवार रात इस मामले में बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो ओएन सिंह ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय परिसर में हुई घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं और इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उनका इस्तीफा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने स्वीकार कर लिया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कल कहा था कि प्रदेश की योगी सरकार बीएचयू में हुए हंगामे की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. फिलहाल कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. ये रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी गई. रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि छात्रा ने जब विश्वविद्यालय से छेड़छाड़ की शिकायत की, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
गौरतलब है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र में है. ऐसे में प्रदेश की भाजपा सरकार के कान भी बीएचयू मामले में खड़े हो गए हैं. वो किसी भी हालत में सरकार की बदनामी नहीं होने देना चाहती. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले में गंभीर नजर आ रहे हैं.
कुलपति को हटाने की मांग
इधर कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों ने बीएचयू मामले में कुलपति को तत्काल हटाने की मांग की है.
न्यायिक जांच कराने का फैसला
इधर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस वी के दीक्षित की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है. बीएचयू में संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की बात कही गई है. वहीं महिला सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की जाएगी.
हालांकि कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने की बात को सिरे से नकार दिया और कहा कि बाहरी असामाजिक तत्वों ने यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब किया.