भुवनेश्वर : राज्य की हाई सिक्योरिटी जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जेल विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। जेल आधुनिकीकरण परियोजना में सुरक्षा को अहमियत दी गई है। इसी संदर्भ में अब हाई सिक्योरिटी जेलों के ऊपर ड्रोन उड़ेंगे।

कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन से नजर रखी जाएगी। ड्रग तस्करी, सामूहिक दुष्कर्म और दीवार फांदने की कोशिश जैसी घटनाओं को रोकने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।

यह व्यवस्था 2 महीने के अंदर लागू कर दी जाएगी और बताया गया है कि इसके लिए एनएसजी जवानों की मदद ली जाएगी। कटक चौद्वार, बरहामपुर, संबलपुर, कोरापुट और भुवनेश्वर झारपड़ा जेल हाई सिक्योरिटी जेल श्रेणी में हैं। इन सभी जेलों के लिए 10 ड्रोन खरीदे गए हैं। इन जेलों के विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के साथ सेवानिवृत्त जवान सुरक्षा में लगे हुए हैं हालांकि, सुरक्षा गेटों के जरिए जेल में ड्रग्स, आग्नेयास्त्र और मोबाइल फोन जैसी आपत्तिजनक वस्तुएं तस्करी के जरिए पहुंचाई जा सकती हैं।

खासकर रात के समय जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर कैदी जेलों में घुस जाते हैं। पिछले दिनों राज्य की विभिन्न जेलों में छापेमारी कर कैदियों के पास से मोबाइल फोन, ड्रग्स और आग्नेयास्त्र जब्त किए गए थे। अपराधी लगातार मोबाइल फोन के जरिए जेलों में छापेमारी कर रहे हैं और कैदियों की अवैध गतिविधियां पकड़ी जा रही हैं।

लेकिन ऐसे मामलों पर स्थायी रूप से रोक नहीं लग पा रही है। इसलिए उम्मीद है कि ड्रोन की निगरानी के बाद मामले का खुलासा संभव हो सकेगा। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति ड्रोन के लिए एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

रात में जेलों के ऊपर ड्रोन उड़ेंगे। गौरतलब है कि जेल आधुनिकीकरण परियोजना के तहत जेल विभाग को 7.53 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए हैं। इस अनुदान से ड्रोन प्रणाली और अन्य विकासात्मक कार्य किए जाएंगे।