पटना, बिहार. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक न्याय सम्मेलन में जय छत्तीसगढ़ और जय बिहार के नारे के साथ बिहार के लोगों से केंद्र की मौजूदा सरकार के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया. भूपेश बघेल ने कहा कि बिहार हमेशा संघर्ष का अगुवा रहा है. लोग आज उम्मीद भरी निगाहों से बिहार की तरफ देख रहे हैं. लेकिन बिहार के लोग चुप क्यों हैं.

उन्होंने वहां की जनता से पूछा कि छत्तीसगढ़ की तरह बिहार के किसानों को धान का 2500 रुपये समर्थन मूल्य क्यों नहीं मिलना चाहिए. गन्ने की सही कीमत क्यों नहीं मिलनी चाहिए. किसानों को उनका हक क्यों नहीं मिलना चाहिए. भूपेश बघेल ने कहा कि लोगों को रोज़गार नहीं मिल रहे है. महिलाओं को आर्थिक संरक्षण नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि कहीं बिहार के लोग खुद को ठगा तो महसूस नहीं कर रहे हैं. कहीं लगता है कि चूक हो गई है. भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आाप दूसरे के धुन में गाना गा रहे थे, दूसरे के मुद्दे पर आपने मतदान किया.

भूपेश बघेल ने कहा कि आप अपने मुद्दे खुद तय करिए.आप अपनी परेशानियां जानिए और उसके संघर्ष के लिए तैयार हो जाईए.

भूपेश बघेल ने कहा कि न्याय के संघर्ष के लिए लड़ने के बिहर की धरती प्रसिद्ध रही है.जब-जब देश को संघर्ष की ज़रुरत पड़ी है.बिहार उसका नेतृत्व करता रहा है.भूपेश बघेल ने बिहार की जनता से कहा ” उठो, जागो और निकल पड़ो अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए..

भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया. भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ओबीसी को केवल 14 फीसदी आरक्षण दे रही थी. अनुसूचित जाति को 13 की जगह 12 फीसदी ही आरक्षण दे रही थी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सभी वर्गों के साथ न्याय किया है.

भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एससी और एसटी के कोटे में एक-एक फीसदी आरक्षण को कम किया है. इसके खिलाफ लोगों को लड़ना चाहिए.