चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही बयानबाजी और अनुशासनहीनता को लेकर दिल्ली में काफी हंगामा हुआ। दिल्ली में पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत बैठक की।

पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस में कोई भी व्यक्ति अनुशासन से ऊपर नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोई नेता कितना भी बड़ा हो, चाहे वह किसी भी पद पर हो, पार्टी का अनुशासन सबसे ऊपर है। जिसने भी अनुशासनहीनता की, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई।

नवजोत कौर सिद्धू का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करना अपने आप में एक बड़ा फैसला है। बघेल के इस कड़े रुख के बाद कांग्रेस के भीतर चल रहे विवादों में एक नई बहस छिड़ गई है।

दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहना चाहता। मामला अब हाईकमान के पास है और फैसला हाईकमान ही लेगा। उन्होंने कहा कि मुझे राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है और मुझे उनके फैसले पर पूरा भरोसा है।

प्रियंका गांधी से 19 को मिलकर अपना पक्ष रखेंगे नवजोत सिद्धू

पंजाब कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से चल रहा तनाव चरम पर पहुंच गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के विवादित बयान से पैदा हुए भूचाल के बीच अब 19 दिसम्बर को प्रियंका गांधी से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। प्रियंका गांधी ने सिद्धू से मुलाकात की मांग स्वीकार कर ली है।

सूत्रों के अनुसार नवजोत सिद्धू बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने शीर्ष कांग्रेस नेताओं से मिलने की कोशिश भी की, लेकिन संसद सत्र के चलते ज्यादातर नेता व्यस्त रहे, जिससे मुलाकात नहीं हो सकी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 19 दिसंबर को प्रियंका गांधी से मुलाकात सिद्धू और उनके परिवार के भविष्य के लिए निर्णायक सिद्ध हो सकती है। वहीं आने वाले वर्षों में पंजाब कांग्रेस की आंतरिक संरचना पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकती है।