रायपुर। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जहां तक जनगणना की बात है, लेकिन देखना पड़ेगा कि एनआरपी में शर्तें क्या हैं. पिछली जनगणना में जाति का उल्लेख था, लेकिन देश में कितनी जातियां है यह आंकड़ें जारी नहीं किए गए. इस समय जो जनगणना शुरू होने वाली है, उसकी शर्तें क्या है, यह नहीं बताया गया है.

देशभर में नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर मचे घमाशान के बीच अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है. साथ ही कैबिनेट ने जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू करने को भी मंजूरी दे गई है. देश की पूरी आबादी जनगणना प्रक्रिया के दायरे में आएगी जबकि एनपीआर अपडेशन असम को छोड़कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया जायेगा. जनगणना प्रक्रिया के लिए 8 हजार 754 करोड़ रुपए और एनपीआर अपडेट करने के लिए 3 हजार 941 करोड़ रुपए के ख़र्च के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है. एनपीआर की कवायद अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होगी.

क्या है एनपीआर ?

एनपीआर सामान्य रूप से भारत में रहने वालों या यूजुअल रेजिडेंट्स का एक रजिस्टर है. भारत में रहने वालों के लिए एनपीआर के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यह भारतीयों के साथ भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए भी अनिवार्य होगा. एनपीआर का मक़सद देश में रहने वाले लोगों के व्यापक रूप से पहचान से जुड़ा डेटाबेस तैयार करना है.