रायपुर. कांग्रेस की जन अधिकार पदयात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई है. यात्रा चंद्रपुर के सकर्रा गांव पहुंची थी. जहां से उसे स्थगित कर दिया गया है. यात्रा को बीच में ही स्थगित कर पीसीसी चीफ भूपेश बघेल रायपुर के लिए रवाना हो गए हैं. दरअसल बघेल को दिल्ली तलब किया गया है, वे कांग्रेस के नव अध्यक्ष राहुल गांधी की दिल्ली में हो रही ताजपोशी के कार्यक्रम में शामिल होंगे. जिसके लिए वे आज दिल्ली रवाना होंगे.

इससे पहले ग्राम भोथिया पहुंचे भूपेश ने राज्य की भाजपा सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया. भूपेश ने कहा कि पदयात्रा कांग्रेस की प्राचीन परंपरा है, पदयात्रा लोगों को जोड़ती है.  कांग्रेस ने हमेशा लोगों को जोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगों को उनका अधिकार दिया जबकि बीजेपी ने लोगों से उनका अधिकार छीना है. चाहे पंचायत को भर्ती का अधिकार हो, मजदूरों के मनरेगा का लम्बित भुगतान हो, किसानों को न तो उनकी उपज का समर्थन मूल्य मिल रहा है और न ही बोनस.

भूपेश ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो गरीब को 35 किलो चावल मिलता था और मोदी सरकार आने के बाद 7 किलो ही मिल रहा है. उन्होंने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि पहले डॉ रमन सिंह चाउर वाले बाबा थे लेकिन अब मोदी राज में वे दारू वाले हो गए हैं. भूपेश ने कांग्रेस की सरकार के दौरान होने वाले विकास कार्यों की भी जानकारियां दी उन्होंने कहा कि 5 जिले में कांग्रेस ने नहरों का जाल बिछाया वहीं रमन सरकार बेराज के नाम पर नहरों को पाटने का काम कर रही है.

भूपेश ने कहा कि झीरम कांड के बाद राज्य सरकार आदमखोर हो गयी है. जब जानवर आदमखोर हो जाता है तो उसे बूलेट से खत्म किया जाता है. आने वाले विधानसभा चुनाव में आप सब बैलेट से इस अत्याचारी सरकार का दमन करें. शिक्षा कर्मियों को रमन सिंह ने बार-बार छला है तथा उनकी जायज माँगो जो जिस तरह से कुचला गया वह निन्दनीय एवं अलोकतांत्रिक है.

यही नहीं ना सिर्फ जन अधिकार यात्रा स्थगित की गई है बल्कि 17 दिसंबर को नंदेली में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी स्थगित कर दी गई है.  बताया जा रहा है कि अब 18 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो सकती है.

आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल 12 दिसंबर से शिवरीनारायण से जनअधिकार यात्रा शुरु की थी. 104 किलोमीटर लंबी यह यात्रा रायगढ़ के नंदेली गांव में खत्म होनी थी लेकिन उसे बीच में ही स्थगित किया गया.

गौरतलब है कि इससे पहले भूपेश डोंगरगढ़ से भिलाई तक की पदयात्रा पिछले महीने पूरी कर चुके हैं जिसमें उन्हें काफी सफलता मिली थी. उनकी पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे थे.