रायपुर. राजधानी के गौरव पथ स्थित करोड़ो रूपये की लागत से बन रहा साइकिल ट्रैक अब पार्किंग ट्रैक में तब्दील हो गया है. जिस ट्रैक पर साइकिल चलाया जाना है. उस ट्रैक पर लोगों की बड़ी-बड़ी कारें और ठेलों का कब्जा है. इस कब्जे को खाली करने की न तो निगम ने अब तक काई पहल की है और ना ही प्रशासन ने इसकी सुध ली है. जिसके चलते साइकिलिंग के लिए बनाया गया करोड़ो रूपये का साइकिल ट्रेक अब कार और ठेले के लिए रेड कॉरपेट बन गया है.

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रवक्ता नितिन भंसाली ने साइकिल ट्रैक निर्माण को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि इस निर्माण में करोड़ो रूपये खर्च कर निगम केवल अपना जेब भरने का काम कर रही है. साथ ही भंसाली ने इस निर्माण में पैसे का जमकर बंदरबाट किये जाने का भी आरोप भी लगाया है.

 

 

वही महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि अभी काम शुरू ही हुआ है और लोगों ने बिना सोचे समझे आरोप की झड़ी लगा दी, ये कतई सही नही है. दुबे ने पैसे की बंदरबाट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी की रफ्तार में साइकिल ट्रैक बनाना जरूरी है. साइकिल ट्रैक बनाने के पीछे लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने का भी महापौर ने हवाला दिया है.

दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को स्मार्ट ​सिटी की तर्ज विकसित किया जा रहा है. जिसके​ तहत शहर की 9 सड़को पर साइकिलिंग ट्रैक बनाया जाना है. यह पूरा प्रोजेक्ट 5 करोड़ का है. प्रोजेक्ट के पहले चरण में गौरवपथ में 2.5 किमी साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है. जो साल के अंत तक बनकर तैयार हो जायेगा. इस ट्रैक को बनाने की शुरूआत कलेक्टोरेट चौक से लेकर तेलीबांधा चौक तक की गई है. सड़क के दोनों तरफ बनने वाले इस ट्रैक की चौड़ाई 2.2 मीटर है. जहां आसानी से 3 साइकिल एक साथ चल सकती है. इस ट्रैक की खासियत इसकी स्पेशल मटेरियल से बनी स्पेशल कोडिंग है. इसे बनाने का जिम्मा नागपुर की केटलाइन कंपनी को दिया गया है और इसके लिए करीब 1.20 करोड़ का बजट रखा गया है. इस कंपनी ने भोपाल, गुजरात, चंडीगढ़ सहित अन्य जगहों पर ऐसे ही ट्रैक बनाया है.