रमेश सिन्हा, पिथौरा. जंगल से निकल बिगड़ैल हाथियों के झुंड ने सप्ताह भर के भीतर तीन लोगों को मौत के घाट उतार चुका है. बीते दिनों फसल की रखवाली कर रहे एक किसान को कुचल कर मार डाला था. झारबंध क्षेत्र में मंगलवार को पटेल समाज के अध्यक्ष डोबा राम नायक को सुबह हाथियों के झुंड़ ने कुचल दिया है. घटना के बाद लोगों में वन विभाग के लापरवाह रवैये के कारण आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वन विभाग के अधिकारी और कर्मतारियों के द्वारा बिगडैल हाथियों को काबू नहीं किया जा रहा है. लोग घरों से निकलन मतलब मौत को दावत देने जैसा मानते है. वन विभाग को घटना क्रम की जानकारी होने के बाद ग्रामीणों के जान माल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.वन विभाग की निष्क्रियता के कारण सोमवार की रात छत्तीसगढ़ के सीमांत ग्राम ओड़िसा के बंडामुंडा के कृषक धोबा राम नायक को हाथियों ने पटक पटक कर मार दिया है.
क्षेत्र में खुलेआम घूम रहे मौत का पर्याय बन चुके हाथियों से ग्रामीणों को बचाने वन विभाग के पास कोई योजना नही है. हालात इतने खराब है कि विभागीय अफसर कर्मी हाथियों की लोकेशन बताने एवम ग्रामीणों को अलर्ट करने की जहमत भी नही उठाते.जबकि वर्तमान में वन विभाग को वन्य प्राणियों को बचाने एवम कटते जंगली की सुरक्षा का महत्वपूर्ण दायित्व है. परंतु लापरवाह अफसर कर्मियों को इन सबसे कोई मतलब दिखाई नहीं देता. जिससे हाथी बेलगाम क्षेत्र में घूम रहे है. अकेले व्यक्ति को देख कर हमला करने से भी नही चूक रहे.
कुनकी हाथी बना सफेद हाथी
हाथियों की लोकेशन पता लगाने जंगली हाथियों में रेडियो कॉलर लगाने की सरकारी योजना करोड़ो खर्च करने के बाद भी फ्लॉप साबित हो रही है. हाथियो के नियंत्रण हेतु कर्नाटक से विशेष तौर पर मंगाए गए कुनकी हाथी अब शासन के लिए सफेद हाथी बन गए है. ये हाथी जंगली हाथियों को तो नियंत्रित नहीं कर पाए. बल्कि शासन के खजाने से करोड़ो के खर्च का एक साधन जरूर बन गए है.