पंजाब की विजीलेंस ब्यूरो ने एसएएस नगर जिले के खरड़ और डेराबस्सी में तैनात बाग़बानी विकास अफ़सर (एच.डी.ओ.) जसप्रीत सिंह सिद्धू को गिरफ़्तार किया है, जो एस.ए.एस. नगर में अमरूद के मुआवज़े सम्बन्धी करोड़ों के घोटाले का आरोपी था.

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए यहाँ स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि दोषी जे.एस. सिद्धू ने 01. 09. 2023 को हाई कोर्ट से अंतरिम ज़मानत प्राप्त कर ली. हालाँकि, ब्यूरो ने उसकी आगामी ज़मानत पटीशन का विरोध किया और उसकी हिरासती पूछताछ के लिए लम्बी और विस्तृत दलीलों के दौरान जवाब के तौर पर 3 हल्फनामे/ जवाबी हल्फनामे दायर किये.

विजीलेंस ब्यूरो ने जे.एस. सिद्धू के अन्य मुलजिम लाभार्थियों के साथ सम्बन्ध दिखाते हुए कॉल रिकॉर्ड, अलग-अलग गवाहों के बयान, छेड़छाड़ किए गए और नकली दस्तावेज़ी रिकॉर्ड और गमाडा के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट और राज्य के बाग़बानी विभाग के पास उसी रिपोर्ट की दफ़्तरी कॉपी के बीच अंतर को स्पष्ट तौर पर उजागर किया.

इसके अलावा, दफ़्तरी कॉपी में उक्त पौधों की दिखाई गई श्रेणी गमाडा के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट में दिखाई श्रेणी की अपेक्षा काफ़ी अधिक थी. प्रवक्ता ने बताया कि इसके उपरांत हाई कोर्ट ने 24.01.2023 को उसकी आगामी ज़मानत पटीशन ख़ारिज कर दी. इसके बाद, मुलजिम एच.डी.ओ. फरार हो गया और विजीलेंस ब्यूरो द्वारा उसे ढूँढने की कोशिश की जा रही थी, जिसके चलते उसे मंगलवार को एस.ए.एस नगर से गिरफ़्तार कर लिया गया.