वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। धर्मांतरण के आरोपों को लेकर रविवार को बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र में जमकर हंगामा हुआ। हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव करते हुए पास्टर सहित कई लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस दौरान कई घंटे तक चले तनावपूर्ण माहौल और दोनों पक्षों की गहमागहमी के बाद पुलिस ने पास्टर समेत सात लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
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जानकारी के अनुसार, 29 जून की सुबह हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि तोरवा पावर हाउस क्षेत्र केंवटपारा में मसीही समाज के लोग हिंदू समुदाय के लोगों का धर्मांतरण करवा रहे हैं। इसके विरोध में संगठन के सदस्य मौके पर पहुंचे और विरोध जताया। इस बीच बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग भी तोरवा थाने पहुंच गए और मारपीट का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग करने लगे।

हालात तब और बिगड़ गए जब थोड़ी देर में सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठन के लोग भी थाने पहुंच गए और धर्मांतरण कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए थाने का घेराव कर दिया। स्थिति को देखते हुए थाने को छावनी में तब्दील कर दिया गया। तनाव के बीच दोनों पक्ष थाने में आमने-सामने हो गए और कई बार झड़प की स्थिति बन गई। घंटों के हंगामे और पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद दोनों पक्ष शांत हुए और थाने से रवाना हुए।
इसके बाद पावर हाउस चौक निवासी प्रकाश सिंह ने थाने में लिखित शिकायत दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मसीही समाज के लोगों ने उन्हें पैसों का प्रलोभन देकर प्रार्थना भवन में धर्मांतरण के लिए मजबूर किया। पुलिस ने प्रकाश सिंह की शिकायत पर पास्टर विनय सिंह परिहार, मालती धीवर, पवन श्रीवास, हर्ष रजक, बादल, मधु धीवर और पुलू सभी के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्र अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है और पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
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