अमित पांडेय, डोंगरगढ़. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ डोंगरगढ़ ब्लॉक में वन्यजीव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने वन ग्राम खोलारघाट से हिरण का शिकार कर उसका मांस तस्करी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक इस अवैध कारोबार में शहर के कुछ रसूखदार भी शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम जे. डिनायल, नीलू फ्रांसिस, विशाल नंदेश्वर और विश्वनाथ है। बीती रात गुप्त सूचना पर वन विभाग ने आरोपियों का पीछा किया। पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने हिरण का मांस एक ग्रामीण के घर में फेंक दिया, लेकिन टीम की सतर्कता से चारों को मौके पर ही धरदबोचा गया। विभाग ने मांस और परिवहन में प्रयुक्त बाइक जब्त कर ली है। हिरण का पोस्टमार्टम कराकर उसका अंतिम संस्कार भी कराया गया।


गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह पूरा नेटवर्क सिर्फ इन्हीं चार आरोपियों तक सीमित नहीं है। इस अवैध कारोबार में शहर के कुछ रसूखदार और प्रभावशाली लोगों के नाम भी जुड़ सकते हैं। इसी मामले की जांच के बीच आज सुबह एसडीओ फॉरेस्ट कार्यालय में दो वनकर्मी आपस में भिड़ गए। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह झगड़ा कार्यप्रणाली और खानापूर्ति को लेकर हुआ। ऐसे संवेदनशील मामले में विभागीय कलह ने कार्रवाई की गंभीरता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कई बड़े नामों का हो सकता है पर्दाफाश
डोंगरगढ़ वन विभाग की यह कार्रवाई निश्चित रूप से बड़ी सफलता है, लेकिन अब सबसे अहम सवाल यही है कि क्या विभाग उन असली सरगनाओं तक भी पहुंचेगा, जो परदे के पीछे से इस पूरे नेटवर्क को चला रहे हैं? या फिर यह मामला सिर्फ चार गिरफ्तारियों तक ही सीमित रह जाएगा? विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि अगर जांच ईमानदारी और दबाव से मुक्त होकर आगे बढ़ी तो आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े कई और बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है।
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