Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब राजद से जुड़े करीब 200 मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर जदयू की सदस्यता ले ली। खास बात यह है कि यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 जुलाई को प्रस्तावित मोतिहारी दौरे से ठीक पहले हुआ है, जिससे सियासी हलकों में इसे एनडीए की रणनीतिक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के रूप में देखा जा रहा है।
200 से अधिक मुस्लिम कार्यकर्ता जदयू में शामिल
दरअसल मोतिहारी के बंजरिया प्रखंड में आयोजित एक मिलन समारोह के दौरान राजद से जुड़े करीब 200 मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने जदयू का दामन थाम लिया। इस मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद खालिद अनवर मौजूद रहे। उन्होंने सभी नव-शामिल कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि अब मुस्लिम समाज भी विकास की राजनीति के पक्ष में खड़ा हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जता रहा है।
वोट बैंक की राजनीति का आरोप
इस कार्यक्रम में खालिद अनवर ने राजद और उसके सुप्रीमो लालू यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद वर्षों से मुस्लिम समुदाय को डर और भ्रम के जरिए वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करता रहा है। लेकिन अब समाज जागरूक हो चुका है और असली विकास की राह पर चलना चाहता है।
‘राजद में मचेगी भगदड़’
इस मौके पर खालिद अनवर ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, मानसून सत्र के बाद राजद में बड़ी टूट देखने को मिलेगी। अगस्त में कई बड़े नेता, विधायक और विधान पार्षद एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चंपारण से शुरू हुआ यह विरोध अब पूरे बिहार में फैलने वाला है और मुस्लिम समाज राजद को अलविदा कहने की तैयारी में है। इस घटनाक्रम को आगामी चुनावों से पहले बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जिससे राजद को खासा नुकसान हो सकता है।
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