रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के वन मंत्री मोहम्मद अकबर सोमवार को बिलासपुर के कानन पेंडारी में सफेद शेर की माैत के मामले की निरीक्षण करने जाएंगे. करीब एक हफ्ते पहले ही इस दुर्लभ प्रजाति के शेर की माैत हुई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री अकबर को दी रिपोर्ट में दावा किया था कि शेर की माैत सांप के काटने से हुई है, लेकिन अधिकारी मंत्री के सवालों का जवाब नहीं हो पाए. इससे असंतुष्ठ होकर मंत्री अकबर ने कानन-पेंडारी जाकर निरीक्षण करने का फैसला किया है.

बताया जा रहा है कि कानन पेंडारी स्मॉल जू में सफेद बाघ की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई थी. सांप के डसने के 15 घंटे तक भी कोई उसे देखने नहीं पहुंचा था. इसका बड़ा वन्यप्राणियों के आकस्मिक घटना या बीमार होने पर उनके इलाज के लिए न तो वाइल्ड लाइफ के एक्सपर्ट डॉक्टर हैं और न ही बायोलॉजिस्ट पहुंचा.

नई सरकार में मंत्री बनने के बाद से अकबर ने अपने अन्य विभागों के साथ-साथ वन विभाग के क्रियाकलापों पर कड़ाई से ध्यान देने का काम शुरू किया है. इस प्रक्रिया के दाैरान विभाग के कई अधिकारियों के गंभीर किस्म की लापरवाहियां सामने आ रही है. इस सिलसिले में मैनपुर इलाके में राजकीय पशु वनभैंसे की संदिग्ध माैत का मामला भी मंत्री की नजर में आया है. इस मामले की जांच में पाया गया है कि वन भैंसे की लोकेशन का पता लगाने के लिए दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञ बुलाए गए थे. इन्होंने वन भैंसे को ट्रैक्युलाईज करके बेहोश किया था उसके गले में रेडियों काॅलर लगाया गया था, जो सेटेलाईट से जोड़ा गया था. लेकिन ये सिस्टम तीन महीने से बंद पड़ा था.

अधिकारियों को इस बात की जानकारी भी नहीं थी. माैत के बाद अधिकारियों ने इस मामले की रिपोर्ट भी मंत्री को दी, लेकिन इस घटना से जुड़े कई सवालों का जवाब अधिकारी नहीं दे पाए. इस मामले में मंत्री अकबर ने कड़ी नाराजगी दिखाई है. मामले में संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के बयान मंगाए गए हैं. अधिकारियों ने अपने आप को बचाने के लिए छोटे कर्मी पर कार्रवाई की है.