मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में अपने पद से राज्यपाल को इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने महाराष्ट्र की जनता के साथ पार्टी के सभी सहयोगियों के साथ-साथ शिवसेना का पांच साल तक साथ रहने के लिए भी आभार जताया.

देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि  महाराष्ट्र की जनता ने महायुति को दिल खोलकर मत दिया. पूरा जनादेश दिया था. भाजपा को सबसे बड़ा पार्टी बनाया. लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य कि हम सरकार नहीं बना पाए. क्यों शिवसेना को समझ आ गया कि नंबर गेम ऐसे हैं कि वह सौदा कर सकती है. और यह मुख्यमंत्री के पद को लेकर कभी तय नहीं हुआ.

फडणवीस ने कहा कि अमित शाह ने चुनाव के पहले और बाद के साक्षात्कारों में कहा कि जो तय नहीं हुआ था, उसे हम पर लाद दिया था कि यह तय हुआ है. और हम कहीं भी जा सकते हैं. शिवसेना हमसे चर्चा करने की बजाए एनसीपी से चर्चा की. वे मातोश्री से बाहर नहीं जाते, लेकिन मातोश्री से निकल-निकल कर चर्चा की. ऐसी परिस्थिति में राज्यपाल ने हमको सरकार बनाने के लिए बुलाया, तब हमने कहा कि हमारे पास नंबर नहीं है, सरकार नहीं बना सकते हैं. फिर राज्यपाल ने शिवसेना को बुलाया फिर एनसीपी को बुलाया. जब सरकार नहीं बना पाए तो राष्ट्रपति शासन लगाया गया.

उन्होंने कहा कि तीन अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय कर रहे थे, उनका कॉमन मिनिमम प्रोग्राम एक ही था कि भाजपा को सत्ता से बाहर करना है. और कोई प्रोग्राम तय नहीं कर पाए थे. इस बीच महाराष्ट्र में कितना समय बीत गया. इस बीच एनसीपी के विधायक दल के नेता संपर्क में आए और ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र कब तक सफर करेगा, तब सरकार बनाया. लेकिन उन्होंने मजबूरियों को बताया, और इस्तीफा दे दिया. जब उन्होंने इस्तीफा दिया तब हमने तय किया कि हम भी कोई हार्स ट्रेडिंग नहीं करेंगे. इस्तीफा देंगे. मैं राज्यपाल के पास जा इस्तीफा देने रहा हूं. अगली सरकार को शुभकामनाएं दे रहा हूं.