हेमंत शर्मा, इंदौर। नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त आईएएस (IAS) संतोष वर्मा को पुलिस ने कल देर रात गिरफ्तार कर लिया है। संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने न्यायालय का फर्जी आदेश लगाकर आईएएस (IAS) अवार्ड लिया। फर्जी दस्तावेज से आईएएस का अवार्ड हासिल करने का यह प्रदेश का पहला मामला है।
यह है मामला
संतोष वर्मा के खिलाफ साल 2016 में एक महिला की शिकायत पर इंदौर के लसुड़िया थाने में शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का मामला दर्ज किया गया था। चूंकि संतोष वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशानिक सेवा यानी आईएएस (IAS) के पद पर पदोन्नत किया जा रहा था। तब लोक सेवा आयोग ने इनके खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण और कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी। लेकिन इन्होंने बरी होने का कोर्ट का झूठा आदेश पेश कर आईएएस (IAS) पद पर पदोन्नती ले ली।
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न्यायाधीश ने दर्ज कराई शिकायत
पुलिस द्वारा जब इन दस्तावेजों को जिला कोर्ट से वैरिफाई कराया गया तो कोर्ट का ये आदेश जाली निकला। इस आदेश पर विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र सिंह रावत के हस्ताक्षर थे। मामले का खुलासा होने के बाद विशेष न्यायाधीश ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस ने नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त संतोष वर्मा को देर रात गिरफ्तार कर लिया।
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