नई दिल्ली: मोदी सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया है. डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया गया है. वहीं, सोने की मांग पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इसके आयात पर शुल्क बढ़ा दिया है. सरकार ने शुक्रवार को ये अहम फैसले लिए हैं.

एक अलग सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की ऊंची कीमतों के कारण उत्पादकों को अप्रत्याशित लाभ के बदले घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,230 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया है.

महंगा होगा सोना
वहीं, मोदी सरकार ने सोने के आयात पर बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी है. पहले इसका रेट 7.5 फीसदी था. इससे सोना खरीदना और महंगा हो जाएगा.

क्यों लिया गया फैसला ?
निर्यात पर कर तेल रिफाइनरियों, विशेष रूप से निजी क्षेत्र के लिए है, जो यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में ईंधन के निर्यात से बहुत लाभान्वित होते हैं. दूसरी ओर, घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन पर लगाया जाने वाला कर स्थानीय उत्पादकों के लिए है, जिन्हें कच्चे तेल की उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों से अप्रत्याशित लाभ मिल रहा है.

क्या पेट्रोल डीजल होगा महंगा ?
बता दें कि सरकार के इस फैसले का असर घेरलू पेट्रोल-डीजल के रेट पर नहीं पड़ने वाला है. सरकार के मुताबिक इस फैसले से देश में फ्यूल के दाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इन चीजों की उपलब्धता बनी रहेगी.

घरेलू पेट्रोल और डीजल की कीमतें मई के बाद से स्थिर हैं, जब से सरकार ने कीमतों में कटौती की घोषणा की थी. 21 मई, 2022 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा के बाद से ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

घरेलू ईंधन की कीमतें कम रहने की संभावना है. सरकार ने आज जो एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है, इससे पेट्रोल डीजल की घरेलू कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus