शिवम मिश्रा, रायपुर। धर्मांतरण की शिकायत मामले में पादरी पर थाने के भीतर हमला और थाने में हुड़दंग केस में SSP अजय यादव ने सख्त एक्शन लिया है. SSP ने पुरानी बस्ती TI युदुमणि सिदार को लाइन अटैच और पुरानी बस्ती CSP नितेश कुमार गौतम को प्राथमिक जांच सौंपी गई है. SSP ने राजधानी में कटे बवाल और कोरोना के बीच थाने में लोगों की भीड़ समेत कई मामलों की संवेदनशीलता के मद्दनेजर अपने ही विभाग के लापरवाह अधिकारी पर एक्शन लिया है.

दरअसल, धर्मांतरण की शिकायत पर पादरी पर थाने के भीतर हमला हुआ था. इसके बाद पुलिस ने हमला करने वाले सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. मामला दर्ज करने के बाद उनकी तलाश में जुट गई है, उसके बाद ही रानी बस्ती TI और CSP को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

बता दें कि पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने पादरी पर हमला करने पर संभव शाह, विकास मित्तल, मनीष साहू, शुभंगर द्विवेदी, संजय सिंह, अनुरोध शर्मा, शुभम अग्रवाल एवं अन्य के खिलाफ धारा 294, 506, 323, 147 और 34 भादवि के तहत एफआईआर दर्ज किया है. इन पर पादरी पर हमला करने के साथ-साथ दुर्व्यवहार का आरोप है. साथ ही पुलिस ने वीडियो के अवलोकन और थाना प्रभारी के बयान के बाद आरोपियों के खिलाफ अतिरिक्त गैरजमानती धाराएं 186, 353, 452 को भी जोड़ी गई है.

गौरतलब है कि भाटागांव इलाके में धर्मांतरण की शिकायत पर पुलिस ने ईसाई संगठन के लोगों थाना बुलाया था. इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंच गए असमाजिक तत्वों ने पहले थाना का घेराव किया, फिर थाने के भीतर जमकर हंगामा मचाते हुए थाना प्रभारी के कक्ष में पादरी की जूते से पिटाई कर दी थी.

अब सवाल ये उठता है कि इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई. राजधानी में इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन SSP को भनक तक नहीं लगी, जब मीडिया में खबर आग की तरह फैली, तब SSP एक्शन मोड में आए और जानकारी लेकर कार्रवाई की. TI और CSP भीड़ को लेकर गंभीर नहीं थे, जब एक पक्ष थाने के अंदर बैठा हुआ था, तो दूसरे पक्ष को जाने की अनुमति कैसे दे दी गई. ये सारी बातें कई सवालों को पैदा कर रही हैं.