कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने इंजीनियरिंग छात्र गौरव गुप्ता के अपहरण मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। 10 साल 6 महीने से जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे अजमेर बघेल को बरी कर दिया गया है। 12 अगस्त 2009 को छात्र गौरव का अपहरण हुआ था। जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ने 8 अक्टूबर 2014 को अजमेर सहित 7 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी।

दरअसल दिनदहाड़े इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र का अपहरण होने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अजमेर बघेल को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने 2015 से लंबित अपील को स्वीकार कर लिया हैं।

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आरोपी के वकील ने जानकारी देते हुए बताया कि, 12 अगस्त 2009 को फरियादी विनोद कुमार गुप्ता ने मुरार थाने में गुमशुदगी की एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका बेटा गौरव गुप्ता NITM में इंजीनियरिंग का छात्र था। जो केआरजी कॉलेज के सामने से गायब हो गया था। घरवालों के अनुसार अगले दिन एक फोन आया, जिसमें आरोपी ने पवारखेड़ा स्टेशन के पास एक करोड़ रुपए लेकर आने की बात कही थी।

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वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट को अजमेर के खिलाफ सबूत नहीं मिले। जिसके चलते हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सजा काट रहे अजमेर बघेल को बरी करने का फैसला सुनाया। अजमेर सिंह बघेल 10 साल 6 महीने से जेल में बंद था।

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