कुमार इंदर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपियों ने 50 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए देश भर के हजारों लोगों की जान को दांव पर लगा दिया।
यह खुलासा गुजरात से लाए गए आरोपियों से एसआईटी की पूछताछ के दौरान हुआ है। एसआईटी की टीम पुनीत शाह, कौशल बोरा, सुनील मिश्रा और सपन जैन को बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात को गुजरात से लेकर जबलपुर पहुंची। चारों आरोपियों को एसआईटी ने न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए चार दिन की रिमांड में लिया।
पूछताछ में आरोपी कौशल बोरा ने खुलासा किया कि कि उस पर 50 लाख रुपये का कर्ज था। कोरोना की वजह से देश में रेमडेसिविर की जबरदस्त डिमांड थी। लिहाजा कर्ज चुकाने के लिए उसने पुनीत शाह के साथ मिलकर गुजरात के एक गांव में नकली इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री डाली। जिसमें रेमडेसिविर की शीशी में ग्लूकोज और नमक भरकर इंजेक्शन तैयार किया जाता था।
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आरोपियों ने इस तरह 10,500 शीशी नकली रेमडेसिविर की तैयार की। मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में इन नकली इंजेक्शन को बेचकर आऱोपियों ने 1 करोड़ 85 लाख रुपये कमाए।
पुलिस ने बताया कि आरोपी कौशल बोरा और पुनीत शाह विदेश में भी काम कर चुके हैं। वहीं मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला सुनील मिश्रा यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, जिसमें असफल होने के बाद वह भी इस काले कारोबार में दोनों आरोपियों के साथ जुड़ गया। चौथा आरोपी सपन जैन जबलपुर में मां भगवती फार्मा का संचालक है।
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