भोपाल. दो अप्रैल को मध्य प्रदेश में हुई हिंसा में बड़ा खुलासा हुआ है. इंटेलिजेंस को कुछ सबूत मिले हैं, जिससे पता चला है कि एसटी-एससी आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए कुछ व्यापारियों और सरकार के ही कुछ अधिकारियों ने फायनेंस किया था. पुलिस अब इनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है.
भारत बंद के दौरान आंदोलन में शामिल हुए बालाघाट के सहायक आयुक्त आबकारी बृजेंद्र कोरी और खनिज अधिकारी सोहन सलामे के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो गई है. दोनों अफसरों ने 2 अप्रैल को आवश्यक काम से छुट्टी ली थी.
सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद दोनों पर 353,186,132,294,506 सहित बलवा की एफआईआर दर्ज की गई है.प्रशासन ने माना है कि शासकीय काम की बजाय इन अधिकारियों ने सामाजिक संगठन को अधिक महत्व देकर यह विरोध प्रदर्शन किया. इसी तरह ग्वालियर में भी 2 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
इस बीच इंटेलिजेंस को महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं. इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि दंगे फैलाने के लिए कुछ संगठनों को अधिकारियों और व्यापारियों ने फायनेंस किया था. देउस्कर ने कहा कि इनके नामों का खुलासा जल्द किया जाएगा. गौरतलब है कि इस हिंसा में 8 लोगों की जानें चली गई थी.