वीरेंद्र गेहवई की रिपोर्ट

बिलासपुर। आयुष्मान योजना गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना है. लेकिन इस योजना में फर्जीवाड़ा का मामला है. सरल भाषा इसे आप बीमा घोटाला भी कह सकते हैं. इस घोटाले के घेरे में शहर के 4 बड़े अस्पताल आ गए हैं. इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय छापेमारी में हुई है. यह भी पढ़ें : CG Morning News : मुख्यमंत्री साय आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में होंगे शामिल, दंतेवाड़ा-किरंदुल के बीच 19 दिनों तक प्रभावित रहेगी रेल सेवा

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग को यह शिकायतें मिल रही थी कि भारत सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत में कई अस्पताल गड़बड़ी कर रहे हैं. इस शिकायत के बाद विभागीय अधिकारियों की टीम ने निजी अस्पतालों में छापेमारी की. छापेमारी के बाद शहर के 4 बड़े अस्पताल नोबल, महादेव, शिशु भवन और एलाइट हॉस्पिटल को नोटिस भेजा गया है.

छापेमारी के लिए बनाई थी 14 टीमें

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भारत सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने हेल्थ कमिश्नर को टीम गठन कर जांच की जवाबदारी सौंपी थी. हेल्थ कमिश्नर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने 14 टीमों का गठन कर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के अस्पतालों की जांच कराई, जिसमें फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है.

स्वस्थ बच्चों को बताया कुपोषित

बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के इन अस्पतालों की ओर से मरीज के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपए के फर्जी क्लेम किए गए. आयुष्मान योजना के तहत गरीब महिलाओं के प्रसव के दौरान जन्म लेने वाले स्वस्थ बच्चों को कुपोषित दिखाकर सरकार से ज्यादा पैसे लिए गए.