लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आज जगह-जगह संविधान दिवस के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित कर संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया. वहीं जिला संयुक्त कार्यालय परिसर में स्थापित बाबा साहेब की आदमकद प्रतिमा धूल और पक्षियों के मल-मूत्र से सनी रही, जो प्रशासनिक उपेक्षा का प्रतीक बन गई.

बता दें कि 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन प्रत्येक कार्यालय जहां पर भी बाबा साहेब आंबेडर की प्रतिमाएं स्थापित है. वहां पर उनकी प्रतिमा की साफ सफाई कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर बाबा साहेब को याद किया जाता है. वहीं बालोद जिले के संयुक्त कार्यालय में इस अवसर पर मंगलवार को समय सीमा की बैठक में जिले के आला अधिकारियों के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन तो किया गया किंतु कार्यालय में लगी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की धूल और पक्षियों के मल मूत्र से सनी प्रतिमा की सफाई और माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित करने का समय जिले के आला अधिकारियों के पास नहीं था. इस बड़ी चूक के संबंध जब लल्लूराम डॉट कॉम द्वारा अपर कलेक्टर को दी गई. जिसके बाद संज्ञान लेते हुए उन्होंने कार्यालय अधीक्षक अश्वनी नायक को फटकार लगाई. इसके बाद देर शाम कार्यालय बंद होने पर अधीक्षक ने एक कर्मचारी को भेजकर दो बोतल पानी से प्रतिमा की सफाई कराई.

वहीं जिला प्रशासन की इस बड़ी लापरवाही की जानकारी विहिप जिला उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल को हुई तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के इस अपमान की लिखित शिकायत बुधवार को डौंडी में साहू समाज के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंच रहे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय से की जाएगी.