रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है. प्रदेश में अब बिजली महंगी होगी. विधानसभा सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पारित किया गया है. इससे अब छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी होगी. इसको लेकर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.

चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सरकार को घेरा. चंद्राकर ने कहा कि विद्युत शुल्क में बढ़ोत्तरी कर सरकार अपनी जेब भरने जा रही है. इसके पहले गौठनों के सेस, कोरोना सेस शराब पर सेस लगाकर लूटा गया.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली दरों को 10 साल बाद अनुपातिकरण किया जा रहा है. इससे पहले 2012 में अनुपातिकरण किया गया था, जब बीजेपी की ही सरकार थी. इसकी राशि राज्य के संचित निधि में ही जाएगा. जो शुल्क लगाया गया है वो सेस या उपकर नहीं है.

इस संसोधन विधेयक के पारित होने के साथ ही अब ऊर्जा प्रभार में बढ़ोतरी होगी. घरेलू उपभोक्ताओं पर ऊर्जा प्रभार में बढ़ोतरी की गई है. 8% प्रतिशत से बढ़ाकर 11% किया गया. 3% की बढ़ोत्तरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए की गई है.

गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 12% प्रतिशत से बढ़ाकर 17% किया गया है. सीमेंट उद्योग में 15% से बढ़ाकर 21% किया गया है. 25 हॉर्सपावर तक के एल टी उद्योगों के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया.

मिनी स्टील प्लांट और फेरो एलॉयज इकाईयों के लिए 6% से बढ़ाकर 8% प्रतिशत किया गया. आटा चक्की, आईल, थ्रेसर, एक्सपेलर के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. कोयला और ईंधन की दरों में वृद्धि के चलते ऊर्जा प्रभार में बढोत्तरी की जा रही है.

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