रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा से बड़ी खबर आ रही है. विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा. विपक्ष के द्वारा विधानसभा सचिवालय को दी इसकी सूचना दी गई है. विपक्ष 26 मार्च को सत्र शुरू होते ही विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेगा.

विपक्ष ने सचिवालय को जो आवेदन दिया है उसमें उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में निरंतर संसदीय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. व मान्य परंपराएं भी तोड़ी जा रही है साथ ही साथ कई असंसदीय परम्पराएं भी स्थापित की जा रही है. विपक्ष को दबाया जा रहा है एवं उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है. अतः अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा.

धरमलाल कौशिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जो प्रश्न और उसके बाद जो कार्यवाईयां, सत्ता पक्ष के द्वारा यह वक्तव्य दें कि प्रश्नकाल को स्थगित किया जाए और आसंदी के द्वारा उसको स्थगित किया जाना निश्चित रूप से विपक्ष और साथ ही सदस्यों के अधिकार अधिकारों का हनन किया गया है. यह एक बार नहीं बल्कि अनेकों बार इस प्रकार के मामले आए हैं. प्रश्न का क्या महत्व है यह आसंदी के द्वारा बताया गया कि लाखों रुपए खर्च कर इस प्रदेश का आम जनता का एक एक प्रश्न पर लाखों रुपए लगाई जाती है खर्च होती है और उस और उसे बाधित ना किया जाए. लेकिन आज सत्ता पक्ष के प्रस्ताव के बाद उस को बाधित किया जाना निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहा है और जिस प्रकार से आज आसंदी का व्यवहार रहा है विपक्ष उसे दुखित है उसे व्यथित है और जिस प्रकार से एक सम्मान जी विपक्ष का होना चाहिए. इन सारे व्यवहारों को लेकर के कार्यप्रणाली को लेकर के कि जिस प्रकार से नियम और परंपराओं को तोड़ने की प्रक्रिया यहां प जारी है. इन सब बातों को लेकर के आज ही पक्ष इतने दुखी हैं कि अब आसंदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी विचार करने को बाध्य हैं और आने वाले समय पर इस पर विचार करेंगे.”

कौशिक ने कहा कि मैंने कहा कि जिस प्रकार से जो व्यवहार किया गया है उसे निश्चित रूप से प्रतिपक्ष जो है दुखी थे व्यथित है और इसके कारण यह निर्णय लेने को बाध्य है होना पड़ा और विचार करना पड़ा कि आने वाले समय में इस प्रकार से जो कार्रवाई या चल रही है तो क्यों ना आसंदी के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए.