सभी शिविरों पर रोक लगाई जाए : डॉ. दिनेश मिश्र
रायपुर। गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को शुगर दवा देने के बाद चर्चा में आने आवे कंबल वाले बाबा पर प्रशासन का डंडा चल गया है. कंबल वाले बाबा के 17 और 24 दिसंबर तक आयोजित शिविर पर प्रशासन ने रोक लगा दिया है. अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि सरगुजा अँचल में पिछले कुछ दिनों से तथाकथित कम्बल वाले बाबा के शिविर आयोजित हो रहे थे जिस पर समिति ने रोक लगाने की मांग की थी. समिति की शिकायत और मांग पर सीतापुर के एसडीएम ने 17 एवं 24 दिसंबर को आयोजित होने वाले शिविरों पर रोक लगा दी है. समिति ने सीतापुर के प्रशासन को बधाई देते हुए मांग की है कि उक्त बाबा के समस्त शिविरों पर रोक लगाई जाये.
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि पिछले कुछ समय से अहमदाबाद (गुजरात) के पास के एक व्यक्ति गणेश यादव जो कि स्वयं को कम्बल वाले बाबा के नाम से प्रचारित करता है तथा अपने कम्बल को मरीजों को ढाँकने से, झाड़-फूँक करने से, मनुष्यों की बीमारियों को ठीक करने की बात प्रचारित करता है तथा वह अम्बिकापुर के साथ ही सरगुजा के अनेक स्थानों पर ऐसे शिविरों का आयोजन करता है, इस प्रकार के शिविर संदेहास्पद हैं. चिकित्सा विज्ञान इस प्रकार के दावों को सत्य नहीं मानता तथा विज्ञान के अनुसार भी किसी भी बीमारी का उपचार इस प्रकार कम्बल ओढ़ाने, विवित्र प्रकार से झाडफ़ूँक करने, हाथ-पैर मोडऩे, पटकने, धक्का देने से संभव नहीं है और न ही इस प्रणाली को चिकित्सा विज्ञान ने मान्यता दी है. इस प्रकार के उपचारों से अशिक्षित और ग्रामीण अँचल के ऐसे लोग जो स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं, अपने उपचार के लिए चले जाते हैं जो स्वास्थ्य एवं मानसिक रूप से ठगे जाते हैं. इंडियन ड्रग एंड मेजिक रेमेडी एक्ट 1954 के तहत ऐसी 54 बीमारियों जिसमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, विकलांगता शामिल हैं, का इस प्रकार तथाकथित झाडफ़ूँक से उपचार करना तथा उसका प्रचार करना कानूनी अपराध है.
सीतापुर एसडीएम अजय त्रिपाठी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि कंबल वाले बाबा के खिलाफ शिकायत मिली थी और शिविर पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसके साथ ही उनका शिविर लगातार आयोजित हो रहा था, चुंकि सीतापुर इलाके में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना लिहाजा आगामी दोनों रविवार 17 और 24 को शिविर की इजात उन्हें नहीं दी गई है. क्योंकि प्रशासन के सामने कई तरह दिक्कत रहती, शिविर भीड़ जुटती है. ऐसे में फिलहाल उनके दोनों शिविरों में रोक लगा दी गई है.