पुलिस की लापरवाही मामले में एसएसपी जी मुनिराज ने एसएचओ और एसआई को सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी ने यह कदम विभागीय जांच में आरोप सही पाये जाने के बाद यह फैसला लिया. यह वाक्या लगभग ढाई माह पूर्व की है. एक ऑटो ड्राइवर ने एक युवती को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. इसी मामले में लापरवाही साबित होने पर एसएसपी जी मुनिराज ने कविनगर थाने के एसएचओ आनंद प्रकाश मिश्र और दरोगा इच्छाराम को सस्पेंड कर दिया है.

गाजियाबाद के कविनगर पुलिस ने 31 मार्च को धोखाधड़ी के एक मामले में लालकुआं निवासी युवक व उसकी मां को हिरासत में लिया था. अपने भाई और मां को छुड़ाने के लिए 22 वर्षीय युवती रात को थाने पहुंची थी. युवती ने धोखाधड़ी के मामले को गलत बताते हुए पुलिस से अपने भाई व मां को छोडने की गुहार लगाई थी. आरोप है कि एसएचओ और दरोगा ने देर रात करीब 1 बजे यानि 1 अप्रैल को दोनों को छोडने की एवज में युवती से उसके भाई व मां के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज लाने को कहा. युवती ने दस्तावेज सुबह लेकर आने की बात कही, लेकिन एसएचओ और एसआई ने दस्तावेज न लाने पर दोनों को सुबह जेल भेजने की धमकी दी थी. मजबूर युवती अपने मां व भाई को छुड़ाने के लिए आधी रात में ही अपने घर पहुंची और वहां से दस्तावेज लेकर कविनगर थाने के लिए चल दी. रास्ते में उसने एक ऑटो पकड़ा. देर रात करीब डेढ़ बजे युवती को अकेला देख चालक उसे कविनगर थाने की बजाए दादरी की तरफ ले गया. वहां उसने अपने दो दोस्तों को भी फोनकर बुला लिया. तीनों आरोपियों ने दो दिन तक युवती को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. युवती के मोबाइल की लोकेशन मिलने पर पुलिस ने न सिर्फ उसे बरामद किया बल्कि ऑटो चालक रोहित गुर्जर व उसके साथियों भूपेंद्र व शिवम को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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लालकुआं निवासी पीडि़त परिजनों का कहना था कि आरोपियों ने 1 अप्रैल की रात को उनकी बेटी के साथ वहशियाना अंदाज में दरिंदगी को अंजाम दिया. पहले तो सुनसान इलाके में उसके साथ गैंगरेप किया और फिर एक आरोपी की बहन के घर ले जाकर भी उसके साथ दरिंदगी की. दरिंदगी का आलम यह हुआ कि पीडि़ता के मूत्र और शौच का रास्ता एक हो गया. पीड़िता को लगभग एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा. परिजनों ने पुलिस को बताया कि पीड़िता की हालत में सुधार लाने के लिए डाक्टरों को बारी-बारी से कई ऑपरेशन करने पड़े. इसके बावजूद पीड़िता घर में बिस्तर पर पड़ी हुई है.