टुकेश्वर लोधी, आरंग(रायपुर)। सीआरपीएफ के जवानों पर बेहद ही गंभीर आरोप लगा है. आरोप है सीआरपीएफ के जवानों ने ग्रामीणों की जमकर पिटाई की है. इस घटना में कई गाँववाले घायल हो गए हैं. ग्रामीणों को कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया में साझा किया जिसमें सीआरपीएफ के जवान मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं ग्रामीण विरोध करते हुए नज़र आ रहे हैं.

दरअसल ये पूरा मामला भिलाई गाँव में सीआरपीएफ को आबांटित बेस कैंप के जमीन विवाद से जुड़ा है. ग्रामीणों का कहना है कि बेस कैंप के लिए आबांटित जमीन से अतिरिक्त जमीन पर सीआरपीएफ के जवान कब्जा करना चाहते हैं. लेकिन हम इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. आज इस मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी और सीआरपीएफ के अधिकारी बड़ी संख्या में अपने जावानों के साथ पहुँचे थे. सीमांकन के दौरान जब ग्रामीणों ने अतिरिक्त जमीन को लेकर विरोध जताया सीआरपीएफ के जवान मारपीट करने लगे.

गांव के पूर्व सरपंच पारस नाथ साहू ने बताया कि सीआरपीएफ के लिए 127 एकड़ जमीन पूर्व में दिया गया है, जिसमें उनका निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है. उनके द्वारा फिर से 20 एकड़ जमीन आवंटन करा लिया है, जिस पर गांव वालों को आपत्ति है. क्योंकि सीआरपीएफ द्वारा पूर्व में आवेदन दिया गया था कि जो बन गया है उसके अलावा 80 एकड़ निजी भूमि चाहिए किंतु आज निजी भूमि ना लेकर गांव के प्रमुख भूमि जो गांव का हृदय स्थल है, उस भूमि को ले लिया गया तो भविष्य में हम ना तो हॉस्पिटल बना पाएंगे ना बच्चों के लिए खेल मैदान बना पाएंगे पूरा गांव का विकास अवरुद्ध हो जाएगा इसलिए हम आपत्ति किए थे कि इस जमीन के छोड़कर दूसरी जमीन ले लीजिए इस जमीन को छोड़ दीजिए. परंतु आज गांव वालों के बात को नजरअंदाज कर जबरदस्ती जमीन पर कब्जा करना चाह रही है जिसका गांव वालों ने विरोध किया है.

अनुविभागीय अधिकारी विनायक शर्मा ने बताया कि ग्राम भिलाई में सीआरपीएफ केम्प के लिए कलेक्टर द्वारा अतिरिक्त भूमि आबंटित की गई है. इस भूमि पर ग्रामीणों द्वारा आपत्ति की गई कि उक्त भूमि स्कूल के खेल मैदान और वृक्षारोपण के लिए रखी गई है. खेल मैदान और वृक्षारोपण के स्थान को छोड़कर जो शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर खेत बनाये गए उसके सीमांकन के लिए राजस्व की टीम गई हुई थी तथा सीआरपीएफ के लोग भी अपनी जमीन को चिन्हांकित करने पहुचे थे, तो गांव वालो द्वारा आपत्ति की गई. उसके बाद गांव वालों और सीआरपीएफ की बैठक ली गई तो ग्रामवासियों का कहना है कि उक्त जमीन के अतिरिक्त जो अन्य शासकीय भूमि है वह सीआरपीएफ को आबंटित किया जाय, इसके लिए गांव वालों ने समय माँगा है, गांव में बैठक कर आवेदन देंगे और उस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी. वहीं सीआरपीएफ के अधिकारियों ने ग्रामीणों के आरोपों पर जवाब देने से इंकार कर दिया.

देखिये वीडियो …

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