दिल्ली के बाटला हाउस (Batla House) में दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) द्वारा जारी किए गए बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) के नोटिस के बाद क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया था. हालांकि, अब स्थिति में कुछ सुधार देखा जा रहा है. डीडीए ने खसरा नंबर 279 पर स्थित घरों को अवैध करार देते हुए 15 दिनों के भीतर खाली करने का आदेश दिया था. इस नोटिस के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने दिल्ली हाई कोर्ट और साकेत कोर्ट का सहारा लिया, जहां से उन्हें राहत मिली है.

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खसरा नंबर 279 में कुल 34 बीघा भूमि है, जिसमें से केवल 2 बीघा और 10 बिस्वा पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सभी संपत्तियां अवैध नहीं हैं और डीडीए के नोटिस में स्पष्टता का अभाव है. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटा लिया है, जिससे क्षेत्र में सामान्य स्थिति लौटने लगी है.

आम आदमी पार्टी ने BJP को घेरा

दिल्ली में बुलडोजर कार्रवाई का दौर विभिन्न क्षेत्रों में जारी है. हाल ही में अशोक विहार, वजीरपुर, मद्रासी कैंप और कालकाजी के भूमिहीन कैंप में झुग्गियों को ध्वस्त किया गया. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन कार्रवाइयों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाया है. ‘आप’ का कहना है कि बीजेपी ने ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ का वादा किया था, लेकिन अब लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है.

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अफवाह फैलाने वालों पर होगी FIR

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए स्पष्ट किया कि सरकार पुनर्वास योजना के तहत झुग्गीवासियों को स्थायी आवास प्रदान कर रही है. उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई के संबंध में अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं. बाटला हाउस के निवासियों को अदालत से मिली राहत ने फिलहाल बुलडोजर की कार्रवाई को टाल दिया है, लेकिन यह मामला अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है.