वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने स्पष्ट कर दिया है कि एकल पीठ द्वारा हर खाते में रोजगार और पुनर्वास प्रदान करने के लिए दी गई आदेश ही सही है और जिसके लिए एसईसीएल बाध्य है।

दरअसल, एसईसीएल द्वारा एकल पीठ में दिए गए उक्त आदेश के विरुद्ध याचिका लगाई थी और कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के अनुसार रोजगार देने की अपनी नीति को जायज बताया था किंतु डिविजन बेंच ने एसईसीएल की याचिका को खारिज कर दिया है और 1991 की पुनर्वास नीति जिसे मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति कहा जाता है, उसके अनुसार ही रोजगार पुनर्वास दिया जाना होगा।

बता दें कि एसईसीएल के सभी क्षेत्र में वर्ष 2004 से लेकर 2009-10 में भूमि अधिग्रहण किया गया था और उस समय मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति लागू थी, किंतु रोजगार में कटौती के फॉर्मूले पर कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के अनुसार 2 एकड़ में एक रोजगार को लागू कर लिया गया था, जिसके कारण छोटे खातेदारों को भारी नुकसान हो रहा था। इसके खिलाफ सभी क्षेत्रों के किसानों ने अलग-अलग याचिका लगाई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने समाहित कर एक साथ सुनवाई पूर्ण की है और याचिकाकर्ताओं के हक में निर्णय दिया है।