शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के कई विभागों में बड़े घोटाले उजागर हुए है! पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा और उद्योग विभाग पर कैग (CAG) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। कैग की 2021 की रिपोर्ट में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है। गलत डिसीजन, कोयले के कम उत्पादन और रॉयल्टी वसूली में कमी के चलते प्रदेश सरकार को करी 1400 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सड़कों की गुणवत्ता और ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं करने से सरकार पर देनदारी बढ़ी है। PWD में इंजीनियरों ने सड़क गुणवत्ता की गलत रिपोर्ट पेश की। जंगलों के सुधार के लिए कैंपा फंड में भी बड़े स्तर पर घोटाला हुआ। वन विभाग ने अनियमित रूप से अपात्र गतिविधियों में 50 करोड़ से अधिक खर्च किया। PHE विभाग में फर्जी Security Deposit से ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने खरीदी में भी घोटाले किए।

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CAG की रिपोर्ट पर सियासी बवाल

वहीं कैग की रिपोर्ट पर सियासत भी शुरू हो गई है। विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने राज्स सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर घोटाले चल रहे हैं। CAG की रिपोर्ट को बीजेपी विधायकों ने झुठलाया है।

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BJP का पलटवार

कांग्रेस के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। बीजेपी विधायक हरिशंकर खटीक ने कैग की रिपोर्ट को झूठी बताया है। तत्कालीन पीएचई राज्य मंत्री बृजेंद्र यादव ने कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी या घोटाला नहीं हुआ है। CAG की रिपोर्ट सरासर झूठी है।

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