मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कार्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले की जांच कर रही एनआईए को रविवार को बड़ी सफलता मिली है. सचिन वाजे की मौजूदगी में मुंबई की मीठी नदी से गोतोखोरों ने एक कंप्यूटर सीपीयू, एक वाहन की नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किया है.

एक तरफ एनआईए की जांच आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर सचिन वाजे की मुसीबत बढ़ती जा रही है. एनआईए ने सचिन वाजे की हिरासत अवधि बढ़वाने के लिए विशेष एनआइए कोर्ट में अपील की है. एनआईए की ओर से कहा गया कि वाजे एंटीलिया मामले को सुलझाकर सुपर काप बनना चाहता था, इसीलिए उसने जिलेटिन लदी स्कार्पियो खड़ी करने की साजिश रची. एनआइए की 15 दिन हिरासत अवधि बढ़ाने की अपील को खारिज करते हुए महज तीन अप्रैल तक ही बढ़ाई है.

वहीं वाजे ने कोर्ट को बताया कि वह एंटीलिया मामले में सिर्फ डेढ़ दिन जांच अधिकारी रहा. उसके बाद अचानक कहीं कुछ प्लान बदल गया. मैं अपने आप एनआइए के दफ्तर में गया था, जहां यह कहकर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया कि इस मामले में मेरे खिलाफ सबूत हैं. उसने अपने को मामले से अलग बताते हुए कहा कि उसे सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

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जज पीआर सितरे की अदालत में वाजे के वकील ने एनआइए की हिरासत बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा कि आपको जो भी जांच करनी हो कीजिए. लेकिन उसे एनआइए की हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही वकील ने एक दिन पहले ही वाजे पर यूएपीए की धाराएं लगाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इसे आतंकी घटना भी नहीं माना जा सकता. न ही इससे समाज या देश को कोई खतरा था. वाजे ने कोर्ट कोबताया कि अभी उसने एनआइए के सामने कोई कबूलनामा नहीं दिया है. वह अपना लिखित निवेदन कोर्ट को देना चाहता है.

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