पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनसुराज आंदोलन को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। गोपालगंज सदर विधानसभा सीट से जनसुराज पार्टी के लोकप्रिय उम्मीदवार और चिकित्सक शशी शेखर सिन्हा ने अचानक अपना नामांकन वापस ले लिया है। यह कदम पूरे क्षेत्र में राजनीतिक हलचल पैदा कर गया है और प्रशांत किशोर की रणनीतिक टीम के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है। सूत्रों की मानें तो शशी शेखर सिन्हा ने यह फैसला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में लिया है जिससे भाजपा को इस सीट पर सीधा फायदा होने की संभावना बढ़ गई है।

जाने-माने चिकित्सक हैं

शशी शेखर सिन्हा गोपालगंज के एक जाने-माने चिकित्सक हैं और जिनका स्थानीय स्तर पर मजबूत जनाधार माना जाता है। नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा के उम्मीदवार सुभाष सिंह को माला पहनाकर जीत की शुभकामनाएं भी दीं। यह कदम न केवल जनसुराज पार्टी के लिए झटका है, बल्कि स्थानीय राजनीति में भाजपा की पकड़ को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है।

जन सुराज में हड़कंप मचा हुआ है

जनसुराज पार्टी के अंदर इस फैसले के बाद भारी असंतोष और हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, शशी शेखर के नामांकन वापस लेने की खबर किसी को भी पहले से नहीं थी, जिससे पार्टी पूरी तरह से अचंभित रह गई। गोपालगंज सीट के लिए पार्टी ने पहले से ही कई संभावित उम्मीदवारों पर विचार किया था, जिनमें सुभाष सिंह कुशवाहा, डॉ. ज्योति जयंती और डॉ. एम. हक जैसे नाम शामिल थे। अंत में, पार्टी ने शशी शेखर को टिकट दिया था क्योंकि उनका लोकप्रिय चेहरा जनता के बीच विश्वास और उम्मीद जगाता था। लेकिन उनके अचानक इस फैसले ने पार्टी की उम्मीदों को झटका दिया है।

भाजपा को भारी लाभ होगा

शशी शेखर सिन्हा के इस कदम से भाजपा को भारी लाभ होगा। उनका समर्थन भाजपा की ओर शिफ्ट होने से भाजपा उम्मीदवार सुभाष सिंह की जीत की संभावनाएं काफी मजबूत हो जाएंगी। माना जा रहा है कि इस निर्णय के पीछे भाजपा के सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन और अन्य स्थानीय नेताओं का प्रभाव और दबाव था, जिन्होंने शशी शेखर को यह कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह घटना जनसुराज आंदोलन के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर की शुरुआत हो सकती है। प्रशांत किशोर की रणनीतिक टीम को अब इस सीट पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए उपाय करने होंगे। वहीं, भाजपा के लिए यह मौका है कि वह इस सीट पर अपनी पकड़ और भी मजबूत करे और विधानसभा चुनाव में अच्छी पकड़ बनाए।

राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही ये सीट

गोपालगंज की यह सीट हमेशा से राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही है, जहां उम्मीदवारों की लोकप्रियता और स्थानीय जनाधार को चुनाव में निर्णायक माना जाता है। शशी शेखर सिन्हा की लोकप्रियता और उनके समर्थकों का भाजपा के पक्ष में जाना इस बार की लड़ाई को और अधिक दिलचस्प बना देगा। सियासी गलियारों में इस बदलाव को भाजपा के लिए बड़ा चुनावी वरदान बताया जा रहा है। पार्टी के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वह जनसुराज पार्टी के समर्थन को अपने पक्ष में बदलकर इस सीट पर जीत हासिल करे। दूसरी ओर जनसुराज पार्टी को इस नुकसान से उबरने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा और अगले चुनावी कदम सोच-समझकर उठाने होंगे। इस तरह गोपालगंज सदर विधानसभा सीट से शशी शेखर सिन्हा का नामांकन वापस लेना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के राजनीतिक परिदृश्य में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है, जो चुनाव के नतीजों को भी प्रभावित कर सकता है।