औरंगाबाद। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) को औरंगाबाद जिले में बड़ा झटका लगा है। नवीनगर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के पूर्व विधायक बीरेंद्र कुमार सिंह के साथ पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे पार्टी नहीं छोड़ रहे लेकिन अब किसी भी संगठनात्मक जिम्मेदारी में नहीं रहेंगे।

नेतृत्व पर लगाया अपमान का आरोप

पूर्व विधायक बीरेंद्र कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने नवीनगर की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि “नवीनगर की जनता और कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर 300 किलोमीटर दूर से बाहरी उम्मीदवार को थोपना अपमानजनक है। यह नवीनगर की जनता का अपमान है जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह फैसला काफी सोच-समझकर लिया गया है और इसका संदेश पार्टी नेतृत्व तक जाएगा।

हम पार्टी में रहेंगे, लेकिन पद नहीं

बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वे और उनके सहयोगी पार्टी के साथ बने रहेंगे लेकिन अब किसी पद पर कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने कहा हम जेडीयू में हैं रहेंगे भी लेकिन ऐसे हालात में पद पर बने रहना बेईमानी होगी। जिस तरह से टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की अनदेखी की गई उसने मनोबल तोड़ दिया है।

स्थानीय उम्मीदवार की मांग उठाई

पूर्व विधायक ने कहा कि यदि नवीनगर विधानसभा से किसी स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दिया गया होता तो हम सब एकजुट होकर चुनाव जीतने का काम करते। लेकिन बाहरी उम्मीदवार को थोपने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई है। उन्होंने कहा कि अब नवीनगर के कार्यकर्ता किसी भी बाहरी प्रत्याशी के प्रचार में नहीं जाएंगे फैसला जनता पर छोड़ दिया गया है।

चुनावी समीकरण पर असर तय

जेडीयू नेताओं के इस सामूहिक इस्तीफे के बाद नवीनगर विधानसभा में पार्टी की स्थिति कमजोर पड़ सकती है। स्थानीय स्तर पर संगठन टूटने से विरोधी दलों को इसका फायदा मिलना तय माना जा रहा है। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस असंतोष को कैसे संभालता है और बगावत को थामने के लिए क्या कदम उठाता है।