Bihar Election First Phase Voting LIVE: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले फेज के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। 18 जिलों की 121 सीटों पर शाम 5 बजे तक मतदान होगा। Bihar Election के पहले चरण में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अग्नि परीक्षा होने जा रही है क्योंकि 121 सीटों पर हो रहे मतदान में 57 सीट पर जदयू के प्रत्याशी मैदान में है। पहले चरण में कुल 1314 उम्मीदवार हैं। NDA की ओर से जदयू ने 57, भाजपा ने 48, LJP R ने 13, उपेंद्र कुशवाहा की RLM ने 2 और जीतन राम मांझी की हम ने 1 सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं।वहीं, महागठबंधन की तरफ से राजद ने 72, कांग्रेस ने 24, CPI ML ने 14, VIP और CPI ने 6-6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
बता दें कि 2020 के चुनावों में पहले चरण की 121 सीटों पर बेहद रोचक मुकाबला हुआ था। महागठबंधन को इन सीटों में कुल 61 तो एनडीए को 59 सीटों पर जीत हासिल हुई थीं।
हालांकि बिहार चुनाव की तस्वीर इस बार काफी बदली हुई है। पहली बार मैदान में उतरे जनसुराज ने इस तस्वीर को और जटिल बना दिया है, जबकि एनडीए और महागठबंधन दोनों ही पिछली बार की कांटे की टक्कर को दोहराने या बदलने की तैयारी में हैं। पिछले चुनाव में महज सीटों और वोट प्रतिशत के मामूली अंतर ने सरकार की तस्वीर बदल दी थी, ऐसे में यह चरण राजनीतिक रूप से और भी संवेदनशील माना जा रहा है।
2020 के चुनावों में पहले चरण की 121 सीटों पर बेहद रोचक मुकाबला हुआ था। महागठबंधन को इन सीटों में कुल 61 तो एनडीए को 59 सीटों पर जीत हासिल हुई थीं। यह अंतर बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन इतना जरूर था कि आगे की सीटों पर दोनों गठबंधनों की रणनीति और मनोबल प्रभावित हो गयाय़ इन नतीजों ने तय किया कि सत्ता की डोर किसके हाथ में जाएगी. लोजपा को इस चरण में सिर्फ एक सीट मिली थी, जो आगे चलकर जदयू के खाते में चली गई। यानी कुल मिलाकर जनादेश लगभग बराबर बंटा था, लेकिन अंतिम परिणाम में इस छोटे से फासले ने नई सरकार की नींव डाल दी थी।

आरजेडी, बीजेपी और जदयू में पिछले प्रदर्शन के मायने
अगर सिर्फ पार्टीवार प्रदर्शन देखा जाए, तो 2020 में आरजेडी ने 121 में से 42 सीटें जीतकर सबसे बड़ी खिलाड़ी के रूप में खुद को सामने रखा था। कुल 75 सीटों में से आधी से अधिक जीत पहले चरण से ही आई थी. यह साफ संकेत था कि चुनाव की शुरुआत यदि मजबूत हो, तो अंत में सरकार बनाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वहीं भाजपा ने 32 सीटों पर जीत दर्ज कर मजबूती दिखाई थी। जदयू का प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा और उसे इन 121 में सिर्फ 23 सीटों से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस और वाम दल भी इस चरण में महत्वपूर्ण रहे। कांग्रेस को 8 सीटें और वाम दलों को कुल 11 सीटें मिली थीं। यह नतीजे बताते हैं कि पहले चरण में वोट विभाजन बहुदलीय प्रभाव के साथ आगे बढ़ता रहा है।
पहले चरण में इस बार भी जदयू के ज्यादा उम्मीदवार
पहले चरण में एनडीए की ओर से सबसे अधिक सीटों पर उम्मीदवार जदयू ने उतारे हैं। 57 सीटों पर जदयू मैदान में है, जबकि भाजपा 48 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है। जदयू और भाजपा दोनों की सीधी भिड़ंत राजद और कांग्रेस समेत वाम दलों से है। वहीं लोजपा (आर) और रालोमो भी कुछ सीटों पर मुकाबला और दिलचस्प बनाने की क्षमता रखते हैं। यह समीकरण बताता है कि एनडीए अपने पुराने आधार को बनाए रखने और खोए हुए वोट बैंक की वापसी की कोशिश कर रहा है।
कौन-से इलाके किसके साथ?
पहले चरण में वोटिंग जिन 18 जिलों में होती है, वे बिहार के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने की विविधता को दर्शाते हैं। मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय जैसे जिलों में जातीय समीकरण गहरी भूमिका निभाते हैं। वहीं पटना, भोजपुर, बक्सर और नालंदा में राजनीतिक चेतना और संगठन की ताकत अधिक प्रभावशाली है। पिछले चुनाव में पटना और मगध क्षेत्र में महागठबंधन मजबूत रहा था, जबकि उत्तर बिहार के कई हिस्सों में एनडीए ने बढ़त बनाई थी। यानी क्षेत्रीय असमानता और स्थानीय मुद्दे ही चुनावी दिशा तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं।
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