Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजते ही सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों को धार देने में जुट गए हैं। एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बैठक और चर्चाओं का दौर जारी है। इस चुनाव में राजद ने अपनी रणनीति को नए सिरे से गढ़ना शुरू कर दिया है। पार्टी इस बार परंपरागत फार्मूले से हटकर केवल “जिताऊ उम्मीदवारों” पर दांव लगाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा मौजूदा विधायकों का टिकट काटा जा सकता है।

राजद नेतृत्व का मानना है कि इस बार चुनाव जीतने के लिए सिर्फ वफादारी काफी नहीं है, बल्कि प्रदर्शन और जनता के बीच स्वीकार्यता ही टिकट का आधार होगी। इसी वजह से लगातार सर्वे और फीडबैक रिपोर्ट्स के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है।

बागी विधायक बने चुनौती

पिछले साल एनडीए सरकार के विश्वासमत के दौरान राजद के पांच विधायक सत्ता पक्ष में चले गए थे। इनमें शिवहर से चेतन आनंद, भभुआ से भरत बिंद, सूर्यगढ़ा से प्रह्लाद यादव, मोहनियां से संगीता कुमारी और मोकामा से नीलम देवी शामिल हैं। इनके अलावा नवादा की विधायक विभा देवी और रजौली के विधायक प्रकाश वीर ने भी पार्टी छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया।

इन सात सीटों पर अब राजद को नए उम्मीदवार तलाशने पड़ रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इनमें से एक-दो सीटें गठबंधन के सहयोगी दलों को भी दी जा सकती हैं।

तेजप्रताप यादव की सीट पर नए चेहरे की तलाश

हसनपुर सीट पर भी नए चेहरे की एंट्री लगभग तय मानी जा रही है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के छह साल के निष्कासन के बाद पार्टी इस सीट पर किसी युवा और साफ छवि वाले नेता को उतारने पर विचार कर रही है।

छपरा की तीन सीटों पर संशय

छपरा जिले की तीन सीटों सोनपुर, परसा और मढ़ौरा के विधायकों के टिकट पर भी संकट मंडरा रहा है। सोनपुर से डॉ. रामानुज प्रसाद, परसा से छोटे लाल राय और मढ़ौरा से जितेंद्र कुमार राय के प्रदर्शन से शीर्ष नेतृत्व संतुष्ट नहीं बताया जा रहा है। अगर सर्वे में इनका ग्राफ नीचे रहा तो नए उम्मीदवारों को मौका मिल सकता है।

पार्टी के अंदर हलचल तेज

टिकट बंटवारे को लेकर राजद खेमे में हलचल बढ़ गई है। मौजूदा विधायक पटना में हाईकमान से संपर्क साधने में जुटे हैं, जबकि नए दावेदार अपने इलाकों में जनसंपर्क अभियान तेज कर रहे हैं ताकि सर्वे रिपोर्ट में उनका नाम आगे आ सके।

राजद के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों साफ संदेश दे चुके हैं कि टिकट सिर्फ योग्यता और जनता के समर्थन के आधार पर ही मिलेगा। पार्टी इस बार न केवल जीत पर ध्यान दे रही है बल्कि अपनी “क्लीन और कंपिटेंट” छवि बनाने की कोशिश में भी है।

युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी

युवा चेहरों और नए नेताओं को मौका देने की तैयारी से साफ है कि राजद 2025 के विधानसभा चुनाव में पूरी तरह बदले अंदाज में मैदान में उतरने जा रही है। आने वाले दिनों में टिकट बंटवारे पर होने वाले फैसले न सिर्फ पार्टी बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा भी तय करेंगे।

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