पटना। बिहार के बुजुर्गों की दैनिक जरूरतों और आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने वृद्धजन पेंशन योजना को लेकर बड़ा और मानवीय कदम उठाया है। अब हर महीने की 10 तारीख तक 1100 रुपये की पेंशन सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचनी अनिवार्य कर दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर लिए गए इस फैसले ने उन बुजुर्गों में उम्मीद जगाई है, जो दवाओं और राशन के लिए इस आर्थिक मदद पर निर्भर रहते हैं। समाज कल्याण विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी जिले में पेंशन में देरी हुई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक विभाग ने सभी जिलों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है आवेदनों की संख्या, उनका निपटारा और पेंशन की समय पर डिलीवरी अब रोज़ाना समीक्षा की जाएगी। इससे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

1.13 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मिला सहारा

वृद्धजन पेंशन योजना पहले ही 1.13 करोड़ से ज्यादा बुजुर्गों को राहत दे रही है। चुनाव के बाद आवेदनों की संख्या और तेजी से बढ़ी है। पात्रता में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु और सालाना आय 60,000 रुपये से कम होना शामिल है। आवेदन SSPMIS पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा सकता है।

बंद पेंशन फिर शुरू करने की पहल

कई बुजुर्गों की पेंशन बायोमेट्रिक समस्याओं या तकनीकी दिक्कतों के कारण रुक गई थी। अब विभाग ऐसे सभी मामलों को दिसंबर तक निपटाने का दावा कर रहा है। इससे उन हजारों बुजुर्गों को राहत मिलेगी जिनकी रोजमर्रा की जरूरतें इस पेंशन पर टिकी रहती हैं।