पटना। बिहार को पूर्वी भारत का प्रमुख टेक हब और न्यू एज इकोनॉमी का केंद्र बनाने हेतु राज्य सरकार ने निर्णायक कदम बढ़ाए हैं। इसी क्रम में मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एक अहम उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 25 नवंबर को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत उद्योग और आईटी विभाग से जुड़े फैसलों की कार्ययोजना तैयार करना और उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना था।

मुख्य सचिव ने बैठक में स्पष्ट कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं यही वह समय है जब बिहार को तकनीक और नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। यदि राज्य इस मौके को चूकता है तो भविष्य में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

बैठक में कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा हुई—

  • बिहार को पूर्वी भारत में उभरते टेक हब के रूप में स्थापित करना
  • न्यू एज इकॉनमी के तहत ग्लोबल बैक-एंड हब और वैश्विक वर्कप्लेस तैयार करना
  • राज्य के युवाओं और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को रोजगार उन्मुख उद्योगों से जोड़ना
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी बनने को लेकर AI मिशन की शुरुआत

कमेटी का गठन किया गया

इन लक्ष्यों को साकार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्य सचिव होंगे। इसके अलावा उद्योग, वित्त, कृषि व आईटी विभाग के शीर्ष अधिकारी इसमें सदस्य रहेंगे।

बिहार का नाम रोशन किया

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे 25 दिसंबर तक ऐसे विशेषज्ञों और प्रतिभाओं की सूची तैयार करें जिन्होंने देश-विदेश में बिहार का नाम रोशन किया है ताकि उन्हें इस मिशन से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित उद्योग वार्ता में निवेशकों ने बिहार में निवेश को लेकर गहरी रुचि दिखाई है जो भविष्य में बड़े रोजगार और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह पहल बिहार की पहचान को एक मजबूत टेक और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।