पवन दुर्गम, बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाके में एक बार फिर हजारों की संख्या में आदिवासी एकजुट हो गए है. इंद्रावती नदी पर बन रहे पुल के विरोध में 10 हजार से अधिक आदिवासी विरोध के स्वर को बुलंद करते हुए नेशनल हाईवे 63 पर चक्काजाम कर दिया है. आदिवासी पारम्परिक हथियारों के साथ प्रदर्शन करने पहुंचे है. जिस कारण हाइवे जाम है और राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षा बल के जवान भी प्रदर्शनकारियों को संभाल पाने में नाकाम साबित हो रही है.

पूरा मामला बीजापुर जिले के भैरमगढ़ का है, जहां इंद्रावती नदी में पुल निर्माण के विरोध में बैल, ताकिलोड, धर्मा, मरकापाल, बांगोली और सतवा समेत नारायणपुर जिले के आदिवासी भी एक साथ खड़े हो गए हैं. इंद्रावती नदीं में चल रहे पुल निर्माण को बंद करने, सड़क निर्माण कार्य बंद करने, फर्जी गिरफ्तारी रोकने, फर्जी एनकाउंटर को बंद करने और स्कूल-आंगनबाड़ी खोलने की मांग की जा रही है. आदिवासियों ने करीब एक घंटे से हाइवे पर चक्काजाम कर दिया है.

विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और आदिवासियों के बीच झूमाझटकी भी हुई. 10 हजार से अधिक की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. विरोध के स्वर को देखते हुए भैरमगढ़ को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है. इसके बावजूद आदिवासियों को पुलिस नहीं रोक पा रही है.

आदिवासियों के विरोध के कारण नेशनल हाइवे 63 पर पिछले कई घंटे से जाम लगा हुआ है. जिस वजह से दर्जनों वाहन और दर्जनों राहगीर फंसे हुए है. प्रदर्शन की जानकारी लगने के बाद प्रशासन और विधायक विक्रम मंडावी ने फोन पर ग्रामीणों को आश्वासन दिया, लेकिन फिर भी ग्रामीण नहीं मान रहे हैं. पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीण विरोध में डटे हुए है.

आदिवासी हमेशा अपनी मांगों को लेकर मुखर रहते हैं. हाइवे पर एक कतार से हथियार लिए आदिवासी आगे बढ़ते चले जा रहे हैं. ना किसी की सुननी है, ना किसी के झांसे में आना है. वो सिर्फ अपनी मांगों पर अमल रहते हैं. बता दें कि इससे पहले भी कई दफा सरकार और प्रशासन के विरोध में आदिवासी एकजुट हो चुके हैं.