बीजापुर। राज्य शासन की मंशानुरूप जिले के समग्र विकास के लिए सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण जैसी अद्योसंरचना विकास को विगत दो वर्षों में बढ़ावा मिला है. जिससे ग्रामीण इलाके सीधे जिला मुख्यालय, ब्लाक मुख्यालय और प्रमुख बसाहटों से जुड़ गये हैं. जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य पेयजल, बिजली ईत्यादि मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए मदद मिल रही है. वहीं सड़कों के निर्माण होने के फलस्वरूप अब ग्रामीणों को जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय सहित हाट-बाजार तक पहुँचने में आसानी हो रही है.

जिले में विगत दो वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के द्वारा 42 करोड़ 90 लाख 12 हजार रूपए की लागत से 118.40 किलोमीटर लम्बी 43 ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया है. इन ग्रामीण सड़कों से अंदरूनी इलाकों के 49 बसाहटें जुड़ गई हैं. वहीं वर्तमान में 191.76 किलोमीटर लम्बी 36 सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर हैं. जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा 78 करोड़ 21 हजार रूपए की लागत से 60 किलोमीटर लम्बी 8 सड़कें बनायी गयी हैं, जिसमें नेलसनार-कोडोली-मिरतुर 18 किलोमीटर, बीजापुर-मोदकपाल-तारलागुड़ा 12 किलोमीटर सड़क सहित पेदाकोड़ेपाल-तुमनार 3.10 किलोमीटर सड़क और कुटरू-बेदरे 20 किलोमीटर सड़क ईत्यादि सम्मिलित हैं। इन सड़कों के पूर्ण होने पर क्षेत्रवासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए आवागमन में सुविधा मिलने की बात कही. इस बारे में संरपंच मिरतुर सुनीता कड़ती ने कहा कि सड़क पूर्ण होने से अब आवाजाही में आसानी हो रही है. चिकित्सा के लिए एम्बुलेंस की सुविधा, खाद्यान्न भंडारण के लिए परिवहन सुविधा सहित अन्य विकास गतिविधियों को सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है.

वहीं गौराबेड़ा से मंगलनार डेढ़ किलोमीटर सीमेंट कांक्रीट सड़क बन जाने से मंगलनार सरपंच बदरू लेकाम कहते हैं अब बारिश के दिनों में कीचड़युक्त रास्ते से मुक्ति मिल गयी है और ग्रामीणों को आवागमन में सहूलियत हो रही है. जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा बीजापुर में नवीन पाॅलिटेक्नीक काॅलेज भवन, केशकुतुल में कन्या आश्रम भवन, भैरमगढ़ में शासकीय डिग्री काॅलेज भवन, बीजापुर में पाॅलिटेक्नीक कन्या छात्रावास भवन तथा अधीक्षिका आवास भवन, आईटीआई भवन उसूर, आईटीआई छात्रावास भवन उसूर, आईटीआई छात्रावास भवन भोपालपटनम सहित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भवन मद्देड़ और शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला भवन भैरमगढ़ आदि का निर्माण पूरा किया गया. स्कूल भवन और छात्रावास भवन बन जाने से छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियों सहित आवासीय सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है. वहीं नवीन काॅलेज भवन तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के भवन तैयार होने के फलस्वरूप जिले के युवाओं को उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की ओर उन्मुख होने का अवसर मिला है.