जीवन सिरसान,बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में गरीब आदिवासियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. गरीबों की थाली में मिलावटखोर डाका डाल रहे हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत वितरण किए जाने वाले राशन में मिलावटी प्लास्टिक का चावल दिया जा है. 10 किलो चावल में एक किलो प्लास्टिक जैसा चावल रहता है. यह मिलावटी चावल पकता नहीं, बल्कि दुर्गन्ध देता है.
खाद्य सुरक्षा के तहत यह बड़ा गड़बड़झाला है. जिससे पूरी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. चावल का उठाव करने वाले मिननुर के कई ग्रामीणों ने प्लास्टिक चावल मिले होने की आशंका जताई है. ग्रामीणों की मानें तो उन्हें जो चावल दिया गया है, उसमें प्लास्टिक मिला हुआ है. यह चावल अच्छे से पकता भी नहीं है. जिस कारण आदिवासी दहशत में है.
दरअसल पूरा मामला गोरला पंचायत का है. जहां गांव वालों ने चावल को घंटों तक पानी में डुबाकर परिक्षण किया, लेकिन मिलावटी चावल चिपचिपाहट हो रही है. चावल से निकले प्लास्टिक के चावल की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसके बावजूद प्रशासन हरकत में नहीं आया है. हालांकि यह चावल प्लास्टिक है या नहीं, यह तो जांच में स्पष्ट हो पाएगा. इसमें चावल बेचने वाले समूह, एफसीआई गोदाम, डीलर की भूमिका है या नहीं, यह भी आगे जांच के बाद ही तय होगा.
इस पूरे मामले में जिला खाद्य अधिकारी बीएल पद्माकर का कहना है कि विभाग को इसकी शिकायत नहीं मिली है, लेकिन मामला संज्ञान में आया है, तो वस्तुस्थिति से वाकिफ होने जांच जरूर कराई जाएगी. जांच के बाद ही वस्तुस्थिति का पता चल पाएगा. फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों से मामले काफी तूल पकड़ चुका है.
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