भारतीय नमकीन का स्वाद लेना बहुत पसंद करते हैं और जब नमकीन की बात करें तो सबसे ज्यादा प्रचलित हैं बीकानेरी भुजिया. सभी इसके स्वाद के दीवाने हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि राजस्थान में स्थित बीकानेर भुजिया के अलावा अपने पर्यटन के लिए भी जाना जाता हैं. बीकानेर भारत के राजस्थान राज्य में पाकिस्तान की सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं. बीकानेर की सुंदरता को थार रेगिस्तान के साथ-साथ यहां मौजूद रेत के सुनहरे टीले ओर अधिक आकर्षित बना देते हैं.
यहां की समृद्ध विरासत, स्थानीय बाजार, सांस्कृतिक स्थल और हड़प्पा सभ्यता की संस्कृति का अनुभव घूमकर ही लिया जा सकता हैं. आज हम आपको बीकानेर के प्रसिद्द पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे है. Read More – देश की पहली इलेक्ट्रिक कार पेश, जानें एक किलोमीटर पर कितना खर्च आएगा …
रामपुरिया हवेली
राजस्थान के राजाओं की इस हवेली में जाने के बाद आप उन राजाओं को प्राचीन समय में मिलने वाले सुख-सुविधाओं से रूबरू हो सकते हैं. इस हवेली में भी घूमने में आपको काफी मजा आएगा, क्योंकि इस हवेली में आपको राजस्थान के प्राचीन राजा-महाराजाओं के सभी चीजों को देखने और उसके बारे में जानने को मिलेगा. अगर आप बीकानेर जा रहे हैं, तो रामपुरिया हवेली में भी जरूर जाएं.
लालगढ़ पैलेस
बीकानेर में आने पर आपको एक बार लालगढ़ महल जरूर घूमना चाहिए क्योंकि प्राचीन रचनाओं में एक ये भी है. यह प्राचीन संरचना शहर का सबसे मुख्य आकर्षण माना जाता है और इसे देखने लोग विदेशों से आते हैं. इस महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने साल 1902 में अपने पिता लाल सिंह की याद में बनवाया था. इस महल में भी आप कई तरह के वास्तुकला शैलियों का मिश्रण देखगें. यहां मुगल, यूरोपीय और राजपूत शैली का बेजोड़ मेल देखने को मिलते हैं और ये एक विशाल संरचना है, जहां आप एक बड़ा लॉन, किताबघर, कार्ड देख सकते हैं.
करणी माता का मंदिर
राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता का मंदिर जग-प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं. यह स्थान यहां रहने वाले चूहों की घनी आबादी के लिए जाना जाता हैं. बीकानेर का यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतारों में से एक करणी माता को समर्पित है. इस मंदिर में लगभग 20,000 से अधिक चूहे हैं, जो इस परिसर में ही रहते हैं और पर्यटकों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. करणी माता के इस मंदिर को पत्थरों और संगमरमर से तराशा गया है. मंदिर में महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित करवाए गए चांदी के गेट लगे हुए हैं. Read More – CG में विदेश से लाया दुल्हनिया : युवक ने फिलीपींस की लड़की से रचाई शादी, एक ही कंपनी में काम करते हुआ था प्यार …
कोडमडेसर मंदिर
कोडमदेसर मंदिर का निर्माण बीकानेर शहर के निर्माता राव बीकाजी ने करवाया था, जिसे कोडमदेशर मंदिर के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर भैरव जी महाराज को समर्पित है, जो कि भगवान शिव का ही रूप हैं. भगवान भैरव की यहां पर एक मूर्ती स्थापित है, जो कि संगमरमर के फर्श के चारों ओर से घिरी हुई है. यहां पर लगने वाला भाद्रपद मेला काफी लोकप्रिय है. ऐसे में यदि आप बीकानेर जाने की योजना बना रहे हैं तो भैरव महाराज के इस मंदिर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें.
गजनेर पैलेस
गजनेर पैलेस बीकानेर के दर्शनीय स्थलों में शुमार एक लोकप्रिय जगह है, जो कि एक झील के किनारे पर स्थित है. महाराणा गंगा सिंह द्वारा निर्मित गजनेर पैलेस का उपयोग प्राचीनकाल में शिकार और छुट्टियां बिताने के लिए किया जाता था. यहां पर एक घना जंगल है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां पर आपको जंगली जानवर देखने को मिल जाएंगे.
भांडासर जैन मंदिर
बीकानेर शहर के दो प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक भांडासर जैन मंदिर यहां घूमने जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद हैं. भांडासर जैन मंदिर पीले पत्थरों की नक्काशी और दर्शनीय चित्रों के साथ सुशोभित है. मंदिर के आंतरिक भाग के स्तंभों और दीवारों पर बने चित्र इस मंदिर की खूबसूरती को परिभाषित करते है. दीवारों पर 24 जैन शिक्षकों को चित्रित किया गया हैं. इस मंदिर की तीन मंजिला ईमारत में पहली मंजिल पर देवताओं की संतानों के लघु चित्रों को रखा गया. सबसे ऊपरी मंजिल से पर्यटकों को शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है. यह मंदिर 16वीं शताब्दी के दौरान एक भंडसा ओसवाल नामक एक व्यापारी ने बनवाया था और यह मंदिर मूल रूप से पांचवे जैन तीर्थकर सुमितनाथ को समर्पित हैं.
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