वीरेंद्र गहवई,बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के 6 महीने के अयांश को नई जिंदगी मिलने जा रही है. अयांश को नोवार्टिस कंपनी की तरफ से फ्री में 16 करोड़ रुपए की ‘क्रांतिकारी’ जीन थेरेपी मिलने वाली है. लॉटरी सिस्टम में अयांश का नाम सामने आया है. दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) से ग्रसित अयांश का बेंगलुरु के अस्पताल इलाज होगा.

दरअसल राजकिशोर नगर में रहने वाले अंचल और आशु के 6 महीने का बेटा अयांश अपने जन्म के दूसरे महीने से ही दुर्लभ बीमारी SMA ( स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी) से ग्रसित है. इस बीमारी में खाने-पीने, पैर उठाने और शरीर की दूसरी गतिविधियां करने में समस्या होती है. इस बीमारी के इलाज के तौर पर जोल्जेंसमा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्विटजरलैंड की कम्पनी नोवार्टिस तैयार करती है. यह कंपनी इसे 16 करोड़ में बेचती है. लेकिन अब यह इंजेक्शन अयांश को फ्री में मिलने जा रहा है.

कंपनी हर साल इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित दुनिया भर के 100 लोगों को फ्री में यह इंजेक्शन प्रोवाइड करती है. इसके लिए कंपनी लॉटरी सिस्टम निकालती है. जिसमें इस बार उन 100 लोगों में अयांश का भी नाम है. मासूम के पिता अंचल बताते है कि मालिश करने या टीका लगने के दौरान अयांश को उस दर्द का अहसास तो होता था, लेकिन उसके शरीर में इतनी ताकत नहीं थी कि मूवमेंट कर पाए. तभी उन्हें संदेह हुआ कि आयांश में कोई कमी है.

अयांश के पिता पहले तो शहर के अपोलो में अस्पताल में डॉ. सुशील कुमार से इसकी जांच करवाई. फिर बंगलौर के एक बड़े अस्पताल भी बच्चे का चेकअप करवाया. दोनों अस्पतालों में जांच के दौरान आई रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि उसे स्पाइलनल मस्र्कुलर डिस्ट्रोफी है. जब तक उसे 16 करोड़ रुपए का वह इंजेक्शन नहीं लगेगा, ऐसे ही रहेगा. इसके बाद से अब तक माता-पिता, परिजन, दोस्त और समाज के लोग बच्चे की जिंदगी के लिए हर तरह से प्रयास करने में लगे हैं.

परिवार इस स्थिति में नहीं पहुंचा है कि वे बच्चे का इलाज करवा सके. उसे नई जिदंगी दे सके. सरकार और समाज से मदद की गुहार लगा रहे थे. इस दौरान उन्हें लोगों से आर्थिक मदद के तौर पर केवल लगभग 2 लाख रूपए ही मिल पाए थे. लेकिन अब आशा की नई किरण उनके सामने आई है. फिलहाल अयांश को निमोनिया हो गया है. उसे बेंगलुरु में आईसीयू में भर्ती कराया गया है. एक बार पूरी तरह से जब वह स्वस्थ हो जाएगा, तो उसे इंजेक्शन लगा दिया जाएगा.

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