वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. हाईकोर्ट ने यौन और हत्या के अपराध में आरोपी को पाक्सो एक्ट में बरी करने एवं शासन की ओर से अपील नहीं किए जाने के मामले में गंभीर टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डीबी ने टिप्पणी में कहा है कि इस बैकग्राउंड में हम यह नोट करने के लिए मजबूर हैं कि ट्रायल कोर्ट ने भारी मेडिकल और परिस्थिति जन्य सबूतों के बावजूद अपीलकर्ता को आईपीसी की धारा 363, 364, 376(3) के साथ-साथ पाक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत गंभीर आरोपों से बरी करके गलती की है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डीबी ने कहा, यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी गंभीर फाइंडिग्स के बावजूद राज्य ने आईपीसी और पाक्सो एक्ट के उपरोक्त प्रावधानों के तहत अपीलकर्ता के बरी होने को चुनौती देते हुए कोई अपील दायर नहीं की है। हालांकि राज्य की अपील की अनुपस्थिति मेडिकल सबूतों की गंभीरता या बच्चे के खिलाफ किए गए अपराध की गंभीरता को कम नहीं करती है। रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि पीड़ित का अपहरण किया गया था, सबसे बर्बर तरीके से यौन उत्पीड़न किया गया था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। ऐसे मामले में जहां पीड़िता का रेप किया गया हो और उसे मार दिया गया हो, अगर ट्रायल कोर्ट को पीड़िता पर सेक्शुअल असॉल्ट के पक्के सबूत मिलते हैं तो वह रेप होने की बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता और आरोपी को सिर्फ हत्या के लिए दोषी नहीं ठहरा सकता।

बात दें कि जांजगीर चाम्पा जिला के जैजैपुर थाना क्षेत्र निवासी 12 वर्ष 7 माह उम्र की नौवीं कक्षा की छात्रा 28 फरवरी 2022 की रात को अपनी मां के साथ सोई थी। मां की रात को निंद खुली तो देखा कि उसकी बेटी बिस्तर में नहीं है। पिता ने 1 मार्च 2022 को जैजैपुर थाना में रिपोर्ट लिखाई कि उसकी नाबालिग बेटी जो कि कक्षा 9 वीं में पढ़ती है उसका अपहरण अज्ञात व्यक्ति ने कर लिया है। पिता ने बंधक बनाकर रखने का संदेह व्यक्त किया। 3 मार्च 2022 को उसकी लाश गांव के तालाब में मिली। इस मामले में पुलिस ने आरोपी जवाहर को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया। सक्ती न्यायालय ने आरोपी को आईपीसी की धारा 302 और 201 के अंतर्गत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया और आजीवन कारावास और 5000/- रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज करते हुए उसे नाबालिग से बर्बर तरीके से यौन अपराध कर हत्या के मामले में पाक्सो एक्ट के तहत सजा नहीं सुनने पर उक्त टिप्पणी की है। प्रॉसिक्यूशन के अनुसार, नाबालिग पीड़िता की मौत उसके साथ किए गए कामों के कारण हुई है। आरोपी ने आपराधिक जिम्मेदारी से बचने के लिए मृतक को कीटनाशक पिला दिया। सबूत मिटाने के लिए उसने कथित तौर पर कीटनाशक की बोतल को घटना स्थल के पास तालाब में फेंक दिया। मृतक द्बारा पहनी गई लेगिग की जेब में एक कथित सुसाइड नोट रख दिया और उसके बाद शव को डबरी तालाब में फेंककर ठिकाने लगा दिया। आरोपी ने पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत गंभीर पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट किया और इस तरह एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट भी किया।
जांच के दौरान यह पता चला कि मृतक और आरोपी लगभग आठ महीने से लव अफ़ेयर में थे। दोनों को अक्सर मिलते और बात करते देखा जाता था और आरोपी ने मृतक को एक सैमसंग मोबाइल फोन गिफ्ट किया था, जिसे बाद में उसकी मां ने ले लिया था। जब मृतक ने कथित तौर पर कहा कि वह उसके बिना नहीं रह सकती और मर जाएगी तो आरोपी ने उसे 28.02.2022 को अपने घर बुलाया जब वहां कोई नहीं था। उसने कथित तौर पर उसे मारने की साजिश रची और उससे एक सुसाइड नोट लिखने को कहा, यह कहते हुए कि वे दोनों भाग जाएंगे और आत्महत्या कर लेंगे।
28.02.2022 की रात लगभग 1:00 बजे आरोपी पीड़िता के घर के पीछे इंतजार कर रहा था। जब वह बाहर आई तो उसने उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाया और उसे डबरी तालाब के पास ले गया। उसने कथित तौर पर उसे बीयर की बोतल में पेस्टिसाइड मिलाकर पिलाया और बाद में जबरदस्ती उसके साथ रेप किया। उसने झूठे सबूत बनाने के लिए नाबालिग लड़की के नाम से लिखा हुआ एक सुसाइड नोट भी रखा था। पकड़े जाने के डर से आरोपी ने उसका गला घोंट दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए सुसाइड नोट उसकी लेगिग की जेब में रखकर लाश को तालाब में फेंक दिया और अपनी मोटरसाइकिल से भाग गया। लड़की की मौत से पहले आरोपी ने उसके साथ बेरहमी से और ज़बरदस्ती यौन हमला किया था। डॉक्टरों ने साफ तौर पर राय दी है कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स पर गंभीर चोटें आई थीं, जो एक जघन्य यौन और हत्या का अपराध था।
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