मुंबई हाईकोर्ट ने आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुये साल २००२ के गुजरात दंगो के दौरान बहुचर्चित बिलकिस बानो रेप केस में ११ आरोपियों के निचली अदालत के उम्र कैद के फैसले को बरकरार रखा, निचली अदालत के साल 2008 के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. न्यायमूर्ति विजया कापसे और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. साल २००२ के गुजरात दंगे में बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और उसके 14 रिश्तेदारों को मौत के घाट उतार दिया गया था. दोषियों ने बिलकिस बानो का बलात्कार कर उसे मृत समझकर छोड़ दिया था.