नई दिल्ली। लोकसभा में पेश तीन तलाक संबंधी मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पारित हो गया है. सरकार ने जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक कदम बताते हुए मुस्लिम महिलाओं को न्याय और लैंगिक समानता दिलाने वाला विधेयक करार दिया वहीं कांग्रेस ने विधेयक को कई खामियों से भरा होने के साथ ही दुरुपयोग की आशंका जताई है और सवाल उठाते हुए कहा है कि गुजारे भत्ते का क्या होगा. इसके साथ ही कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक के मसले पर सरकार से जवाब मांगा है कि महिला आरक्षण विधेयक कब पेश किया जाएगा.
सरकार की ओर से पेश बिल पर एमआईएमआई अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने तीन संशोधन पेश किया. ओवैसी का संशोधन ध्वनिमत से खारिज हो गया उसके बाद उन्होंने वोटिंग की मांग की. ओवैसी के दोनों संशोधन लोकसभा में खारिज हो गए. ओवैसी के दोनों संशोधन के समर्थन में सिर्फ 2-2 वोट पड़े. ओवैसी के पहले संशोधन के खिलाफ 241 वोट पड़े जबकि दूसरे संशोधन के खिलाफ 241 वोट पड़े. ओवैसी का तीसरा संशोधन भी बुरी तरह खारिज हो गया. इसमें ओवैसी के खिलाफ 248 वोट पड़े उनके पक्ष में सिर्फ उनका ही एक वोट पड़ा. ओवैसी के अलावा अनेक सदस्यों ने बिल में संसोधन पेश किए, ये सभी सशोधन ध्वनिमत से खारिज हो गए.