दिल्ली। दरअसल चूतिया एक भद्दी गाली या अभद्र शब्द के तौर पर इस्तेमाल होता है लेकिन अगर किसी का सरनेम चूतिया हो और उसकी वजह से लोग उसका मजाक उड़ाएं तो ये बेहद अपमानजनक होगा उस व्यक्ति के लिए।
दरअसल, असम की रहने वाली प्रियंका चूतिया को उनके सरनेम की वजह से सरकारी जॉब रजिस्ट्रेशन वेबसाइट ने रजिस्टर करने से इंकार कर दिया। सरकार के गवर्नमेंट सीड कारपोरेशन लिमिटेड नामक संस्था में जब वो अप्लाई कर रही थी तो पोर्टल बार बार उनका अप्लीकेशन रद्द कर दे रहा था। इसकी वजह था उनका चूतिया सरनेम।
असम के गोगामुख कस्बे की रहने वाली प्रियंका चूतिया ने फार्म मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री ली है और वो असम के चूतिया समुदाय से आती हैं। ये असम का सबसे पुराना समुदाय है। उन्होंने इस बारे में जब फेसबुक पर अपनी पीड़ा बताई तो सरकारी वेबसाइट ने उनकी दिक्कत को समझा और उनका रजिस्ट्रेशन किया। इस बारे में आल असम चूतिया स्टूडेंट यूनियन ने भी विरोध दर्ज कराया है। संगठन का कहना है कि चूतिया सरनेम की वजह से फेसबुक ने उनके समाज के कई सदस्यों के फेसबुक अकाउंट ब्लाक कर दिये क्योंकि उसे चूतिया सिर्फ गाली ही समझ आती है जबकि असम का चूतिया समाज बेहद गौरवशाली समाज है।