रायपुर। महासमुंद सांसद और भाजपा नेता चुन्नीलाल साहू ने भाजपा के जिला अध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी और पूर्व विधायकों डॉ. विमल चोपड़ा, त्रिलोचन पटेल और रामलाल चौहान को जबरिया होम क्वारेंटाइन किए जाने पर कड़ा एतराज़ जताया है। साहू ने इसे प्रदेश सरकार की तानाशाही बताया है। क्वारेंटाइन सेंटर्स में सुविधा और व्यवस्था की कमियों के चलते लोग दूसरी बीमारियों की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं। साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार क्वारेंटाइन सेंटर्स की सच्चाई सामने लाने के भाजपा के अभियान से घबराई हुई है। ख़तरे की आशंका वाली शिकायतें लगातार मिलने पर सेंटर्स का निरीक्षण करने जा रहे भाजपा के नेता और कार्यकर्ता के साथ ज़ोर-ज़बर्दस्ती की जा रही है ताकि भाजपा अपना यह अभियान रोक दे। लेकिन सरकार की तानाशाही के बावज़ूद भाजपा संकट की इस घड़ी में अपनी ज़िम्मेदारी निभाती रहेगी और प्रदेश सरकार को जन-स्वास्थ्य के खिलवाड़ कतई नहीं करने देगी।

सांसद साहू ने सराईपाली के कलेंडा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में महिला की मौत का जिक्र करते हुए राज्य सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया और कहा कि सेंटर में जुडवां बच्चों की मां एनीमिया से पीड़ित थी लेकिन जानकारी होने के बाद भी उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। इसी तरह गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लाक स्थित धोबनीघोड़ा के सेंटर में भी 25 वर्षीय एक आठ माह की गर्भवती ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था। शिकायत की वास्तविकता देखने के लिए राज्य की पूर्व संसदीय सचिव और भाजपा की जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी के साथ पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा, रामलाल चौहान व त्रिलोचन पटेल कोविड-19 के कोरोना संक्रमण से बचने के सभी एहतियातन उपायों के साथ कलेंडा पहुंचे थे, लेकिन सहयोग करने के बजाय शासन और प्रशासन के लोगों ने उन्हें वस्तुस्थिति से दूर रखने की शर्मनाक कोशिश की और रैपिड किट की जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद चारों नेताओं को होम क्वारेंटाइन में रहने का आदेश दिया जो न्यायोचित नहीं है।

सांसद साहू ने राज्य सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जब चाहे सेंटर्स में जाकर राजनीति कर रहे हैं, सामूहिक और सार्वजनिक आयोजन कर रहे हैं। पुण्यतिथि के मौकों पर सैंकडों लोगों को एकत्र कर रहे हैं। उन्हें क्वारेंटाइन करना तो दूर, उनका रैपिड टेस्ट भी नहीं कराया जा रहा है। इसी का परिणाम बागबाहरा में देखने को मिला है। एक कांग्रेस नेता और उसके संपर्क में आए कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं। साहूहा ने कहा कि कोविड-19 के लिए छत्तीसगढ़ में ईमानदारी से सुरक्षा और व्यवस्था के मापदंड तैयार किए जाते तो संक्रमित लोगों की संख्या रोज नहीं बढ़ती। गांवों के क्वारेंटाइन सेंटर्स को पंचायत प्रतिनिधियों के भरोसे छोड़ दिया गया है। राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ की जागरूक जनता ने कोविड-19 से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में खुले हाथ से मदद पहुंचाई है, बावजूद इसके सेंटर्स में भोजन और जरूरी सुविधाओं के लिए लोगों को मुंह ताकना पड़ रहा है। भाजपा के नेता, लोगों की तकलीफों से वाकिफ होकर उन्हें सीधे मदद पहुंचाने जा रहे हैं तो उन्हें होम क्वारेंटाइन कर पखवाड़ेभर के लिए रोका जा रहा है जबकि पंचायत प्रतिनिधियों के पास कोविड-19 के लिए कोई बज़ट नहीं होने के कारण वे चाहकर भी व्यवस्था नहीं दे पा रहे हैं। श्री साहु ने ऐसे संकट के समय कांग्रेस सरकार से हल्की और सस्ती राजनीति से बाज आने कहा है।