रायपुर। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा कृषि विधेयकों को लेकर पहले राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन और कृषि कानून के विरोध में प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालय में धरना पर सवाल उठाया हैं. उन्होंने कहा कि यू टर्न लेने वाली कांग्रेस ने केवल किसानों को छलने और ठगने का काम किया है, शायद इसीलिए उनके पैदल मार्च और धरने में एक भी किसान नजर नहीं आया.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो चुका हैं. जनता जानती हैं की यह वहीं कांग्रेस के नेता हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के किसानों के कोठी की जांच करवाई थी. यह वही कांग्रेस हैं जो किसान हितैषी होने का ढोंग कर सत्ता पाते ही छत्तीसगढ़ के किसानों को किश्तों में छलना प्रारंभ कर दिया हैं, जिनके इशारों में छत्तीसगढ़ के किसानों का रकबा कम करने का षड्यंत्र किया गया, जिनके कहने पर छत्तीसगढ़ के किसानों की गिरदावरी में उपज के रकबे को कम किया जा रहा हैं. यह वही कांग्रेस हैं जो किसान सम्मान निधि से छत्तीसगढ़ के किसानों को वंचित करना चाहती हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा आज छत्तीसगढ के किसानों का रकबा कम करने का काला कानून चलाने वाली कांग्रेस कृषि कानून के नाम पर ठीक उसी प्रकार झूठ फैला रही जैसे सीएए और एनआरसी के नाम पर देश को बांटने और तोड़ने का प्रयास किया था. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम से पूछा कि कृषि संबंधी कानूनों से किसानों को उन पाबंदियों से आजादी मिलेगी, जिसका वे दशकों से सामना कर रहे थे, किसानों की आजादी से कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों? अपने चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने खुले बाजारों की बात कही थी अब जब खुला बाजार मिल रहा तो कांग्रेस को पीड़ा क्यों? क्यों किसानों की समृद्धि का मार्ग कांग्रेस को खटक रहा हैं? क्यों एमएसपी और मंडी बंद का झूठा भ्रम फैला कर कांग्रेस राजनीति कर रहीं हैं? 55 वर्षों तक कांग्रेस ने किसानों का हितैषी होने की सिर्फ बात की और जब किसान हित में कानून बना हैं तो फिर विरोध क्यों?