नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार की ‘शक्ति योजना’ को लेकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आई प्रतिक्रिया ने भाजपा को हमला करने का ऐसा मौका दे दिया है, जिसे वह पूरे चुनाव के दौरान भुनाएगी. इस बयान के बाद भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि पहली बार कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि उन्होंने जनता को गुमराह किया है.

रविशंकर प्रसाद ने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वीकार किया है कि हमें केवल उन्हीं वस्तुओं के लिए घोषणा करनी चाहिए, जिनके लिए हमारे पास बजटीय प्रावधान और वित्तीय उपलब्धता है… क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी को यह सबक सिखाया है? राहुल गांधी घोषणाएं करने में विशेषज्ञ हैं, और वह ऐसा करते रहते हैं.”

भाजपा नेता ने हिमाचल प्रदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को अपना वेतन नहीं लेने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, ‘हिमावल प्रदेश में घोषणाओं और वादों का क्या हुआ? हालांकि, वहां के सीएम ने राज्य सरकार के कर्मचारियों से कहा है कि वे अपना वेतन न लें. वे शौचालयों पर भी कर लगाने की योजना बना रहे थे, लेकिन इस पर विवाद के बाद उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सिर्फ घोषणाएं करती है, ओर वोट की खातिर जनता को बेवकूफ बनाती है. “ये सिर्फ घोषणाएं करते हैं और वोट के लिए जनता को मूर्ख बनाते हैं, और फिर वे अपने वादों को पूरा नहीं करते हैं… कर्नाटक में उन्होंने (कांग्रेस) पांच गारंटी की घोषणा की. आज वे मुफ्त बरा योजना (शाक्ति) की समीक्षा करने की बात कर रहे हैं… भाजपा हमेशा उन वादों को पूरा करती है जो हम करते हैं.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आज अपने अध्यक्ष के माध्यम से स्वीकार किया है कि कांग्रेस ने हमेशा जनता को घोखा देने की कोशिश करने की बात की है. उन्होंने कहा, ‘पहती बार कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि उन्होंने जनता को गुमराह किया है. क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक और हिमाचल प्रदेशा में जो हो रहा है, उसके लिए माफी मांगेंगे?…. भारत सरकार महाराष्ट्र और झारखंड में भी ऐसा ही करेगी और जनता को गुमराह करेगी. मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए.

इससे पहले आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव के लिए जाने वाली कांग्रेस इकाइयों को सलाह दी कि वे अपने बजट के आधार पर गारंटी की घोषणा करें. खड़गे ने चेतावनी दी कि एक अनियोजित दृष्टिकोण वित्तीय कठिनाइ‌यों का कारण बन सकता है, और भविष्य की पीढ़ियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने राजकोषीय जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहती है, तो इसके परिणामस्वरूप समुदाय की प्रतिष्ठा खराब हो सकती है, और कठिनाइयां हो सकती हैं.

खड़गे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में मैंने कहा है कि उन्हें 5, 6, 10 या 20 गारंटी की घोषणा नहीं करनी चाहिए, उन्हें बजट के आधार पर गारंटी की घोषणा करनी चाहिए. अन्यथा, दिवालियापन होगा. अगर सड़‌कों के लिए पैसा नहीं है, तो हर कोई आपके खिलाफ हो जाएगा. अगर यह सरकार विफल होती है, तो आने वाली पीढ़ी के पारा एक बुरे नाम के अलावा कुछ नहीं बचेगा. उन्हें 10 साल तक निर्वासन में रहना होगा.

खड़गे का बयान कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के सुझाव के बाद आया है कि वह शक्ति योजना की समीक्षा कर सकती है महिलाओं के लिए मुफ्त बस परिवहन सुनिश्चित किया. हालांकि, गुरुवार को कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि योजना की कोई समीक्षा या रोक नहीं होगी.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने अपने बयान पर पुनर्विचार करते हुए कहा, ‘कर्नाटक गारंटी मॉडल पूरे देश के लिए एक मॉडल है. भाजपा और अन्य दल भी इसे अपना रहे हैं और हमें गर्व है कि हम इसे लागू कर सके और हम ऐसा कर सके. कर्नाटक और देश के लोग हमारे मॉडल से बहुत खुश हैं. मीडिया रिपोर्टर्स से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और बड़े लोग जो भी कहते हैं, हमें उसका पालन करना होगा.

“हमारे बुजुर्ग जो भी कहते हैं, हम उसका पालन करते हैं. मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. कुछ ने सुझाव दिया है कि मैंने क्या कहा है. योजनाओं को बंद करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता. मैंने सिर्फ इतना कहा था कि हम इस पर चर्चा करेंगे. लेकिन भाजपा सिर्फ राजनीति करना चाहती है. उनके पास बेहतर करने के लिए कुछ भी नहीं है.